US Taliban Peace Talks: आठवें दौर की वार्ता खत्म, अमेरिका उठा सकता है ये अहम कदम
US Taliban Peace Talksअमेरिका और तालिबान के बीच आठवें दौर की शांति वार्ता समाप्त हो गई है। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिका सेना वापस ले सकता है।
By TaniskEdited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 02:21 PM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 02:21 PM (IST)
काबुल, एएफपी। US Taliban Peace Talks, अमेरिका और तालिबान के बीच आठवें दौर की शांति वार्ता समाप्त हो गई है। यह वार्ता कतर की राजधानी दोहा में हुई। तालिबान के एक प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इसकी जानकारी दी । वार्ता की शुरुआत में इसे अधिकारियों ने अफगानिस्तान में 18 साल के जारी युद्ध को समाप्ती को लेकर 'सबसे महत्वपूर्ण' वार्ता का चरण बताया था। ऐसे में माना जा रहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिका सेना वापस ले सकता है।
उन्होंने बताया कि यह वार्ता काफी सफल रही। दोनों ही पक्षों ने आगे के लिए अपने संबंधित नेतृत्व से परामर्श करने के लिए सहमत हुए। काबुल में अमेरिकी दूतावास की ओर से इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई। तालिबान से बातचीत में अहम भूमिका निभा रहे अमेरिका के विशेष राजदूत जालमे खलीलजाद ने रविवार को ट्वीट किया ' मुझे उम्मीद है कि युद्ध जैसे हालात में अफगानिस्तान में ये आखिरी ईद है।'
गौरतलब है कि इससे पहले यह जानकारी सामने आई थी कि अफगानिस्तान से अमेरिका अपने पांच हजार सैनिकों को वापस लाने की तैयारी कर रहा है। यह प्रक्रिया अमेरिका और तालिबान के साथ शांति समझौते का एक हिस्सा है। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से सामने आई थी। हालांकि, व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेनाओं की वापसी वहां के ताजा राजनीतिक हालात व स्थितियों पर आधारति होगी।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक खर्च किया है, और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह सैनिकों को यहां से बापस बुलाना चाहते हैं। इसके बदले में तालिबान को विभिन्न सुरक्षा नियमों को मानना होगा। इसमें अल-कायदा को सुरक्षित आश्रय नहीं देना शामिल है।
हालांकि, अमेरिका-तालिबान के बीच समझौते मात्र से अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त नहीं होगा। इसके बाद विद्रोहियों को काबुल सरकार के साथ भी समझौता करने की आवश्यकता होगी। कई अफगान ईद पर सीजफायर की घोषणा की उम्मीद कर रहे थे, जो नहीं हुआ, लेकिन हाल के दिन में यहां शांति देखने को मिली है। अफगानिस्तान की खुफिया सेवा ने घोषणा की कि वह सोमवार को तालिबान के 35 कैदियों को सद्भाव के तौर रिहा करेगा। यह कदम शांति और युद्ध के लिए सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति का स्पष्ट संकेत है।
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