अमेरिकी सैनिकों पर कुर्दों ने सीरिया में फेंके सड़े-गले फल, ट्रंप के फैसले की हो रही आलोचना
सीरिया के उत्तरी शहर कामिशली से सोमवार को पड़ोसी मुल्क इराक की ओर रवाना हुए पांच सौ अमेरिकी सैनिकों के काफिले पर स्थानीय कुर्दों ने सड़े-गले फल फेंके।
दमिश्क, आइएएनएस। सीरिया से लौट रहे अमेरिकी सैनिकों को स्थानीय कुर्द नागरिकों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है। सीरिया के उत्तरी शहर कामिशली से सोमवार को पड़ोसी मुल्क इराक की ओर रवाना हुए पांच सौ अमेरिकी सैनिकों के काफिले पर स्थानीय कुर्दो ने सड़े-गले फल फेंके। यह इलाका सीरिया, तुर्की और इराक की सीमा से सटा है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने हाल में कहा था कि सीरिया में तैनात एक हजार अमेरिकी सैनिकों को इराक भेजा जाएगा, जहां वे आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ेंगे। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा की थी। सीरिया में आइएस आतंकियों के खिलाफ निर्णायक जंग में कुर्द लड़ाकों ने अमेरिकी सेना की मदद की थी। सीरिया से अपने सैनिक हटाने के अमेरिका के एलान के तुरंत बाद पड़ोसी मुल्क तुर्की ने कुर्दो के नियंत्रण वाले इलाके में सैन्य अभियान शुरू कर दिया था।
सीरिया को लेकर लिए गए जिस फैसले पर आज ट्रंप की आलोचना हो रही है, उसी का सामना अमेरिकी सैनिकों को कामिशली में करना पड़ा है। बता दें कि इसकी शुरुआत बीते साल दिसंबर में हुई थी। तभी डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया से सेना वापसी की घोषणा की थी, जिसके बाद उनकी कड़ी आलोचना भी हुई थी। इसका असर रक्षा मंत्री जिम मैटिस के इस्तीफे और जॉन बॉल्टन को बाहर का रास्ता दिखाए जाने पर भी दिखाई दिया था।
सीरिया के इस इलाके की ही यदि बात करें तो यहां पर तुर्की, कुर्द और सीरियाई सेना आपसी जंग लड़ रही हैं। यह इलाका कुर्दिस्तान में आता है, जिसके लिए कुर्द काफी समय से प्रयासरत हैं। यह यहां पर आइएस को अपने यहां से खदेड़ने के नाम पर ही जंग लड़ रहे थे। अब कुर्द सेना ट्रंप के फैसले के बाद इस बात का आकलन करने में जुट गई है कि इसका असर कितना व्यापक होगा और उनका भविष्य क्या होगा।