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सीरिया में अब तक कोरोना के कुल 40 रोगी सामने आए, UN ने बताया संख्‍या कम होने की बड़ी वजह

मार्क लोवॉक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि सीरिया में कोरोना वायरस की जांच नहीं हो पाने के कारण अन्‍य देशों की तुलना में वहां मरीज काफी कम संख्‍या में हैंं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 01:08 PM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 01:08 PM (IST)
सीरिया में अब तक कोरोना के कुल 40 रोगी सामने आए, UN ने बताया संख्‍या कम होने की बड़ी वजह
सीरिया में अब तक कोरोना के कुल 40 रोगी सामने आए, UN ने बताया संख्‍या कम होने की बड़ी वजह

संयुक्‍त राष्‍ट्र, एजेंसी। संयुक्‍त राष्‍ट्र, एजेंसी। संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानवीय प्रमुख ने सीरिया में कोरोना के कम मरीजों के पीछे सबसे बड़ी वजह सीमित परीक्षणों को बताया है। यूएन के मानवीय प्रमुख मार्क लोवॉक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि सीरिया में कोरोना वायरस की जांच नहीं हो पाने के कारण अन्‍य देशों की तुलना में वहां मरीज काफी कम संख्‍या में हैं। बता दें कि सीरिया में अब तक कुल 40 रोगी सामने आए हैं। कोरोना महामारी में तीन मरीजों की मौत हो चुकी है। यह संख्‍या अन्‍य देशों की तुलना कम है।

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लाखों लोग सीरिया से विस्‍थापित हुए, चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी 

मार्क ने कहा सीरिया की स्थिति विकसित मुल्‍कों जैसी नहीं है। प्रमुख ने कहा कि बिना शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किए बगैर लाखों लोग सीरिया से विस्‍थापित कर गए हैं। उन्‍होंने कहा कि देश में चिकित्‍सा सुविधाओं का बड़ा अभाव है। मार्क ने क‍ि सीरिया में आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति और उपकरणों को सप्‍लाई पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि इराक से सीरिया के उत्तर-पूर्व तक जाने वाली अल यारूबिया सीमा को फिर से खोलना चाहिए। बता दें कि जनवरी में रूस के आग्रह पर इस सीमा को बंद कर दिया गया था। मार्क ने कहा कि दमिश्क से उत्तर पूर्व में चिकित्सा आपूर्ति पर्याप्‍त नहीं है। 

सीरिया में सीमित चिकित्‍सा उपकरणों पर चिंता

सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने इस बीच स्थायी संघर्ष विराम का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि सीरिया के विस्‍थापित शिविरों में पर्याप्‍त स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को स्‍थापति करने का प्रयास किया जा रहा है।  विशेष दूत ने कहा कि कोरोना के बचाव के सारे उपक्रम किए जा रहे हैं। मार्क ने कहा कि सीरिया में सीमित चिकित्‍सा उपकरणों पर चिंता जाहिर की। उन्‍होंनं कहा कि सीरिया में आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति और उपकरणों को देश में लाने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके लिए इराक से सीरिया के उत्तर-पूर्व तक जाने वाली अल यारूबिया सीमा को फिर से खोला जाना चाहिए।

सीरिया को फ्रांस व अमेरिका ने प्रकट करी चिंता 

कार्यवाहक अमेरिकी उप राजदूत चेरिथ नॉर्मन शैले ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को व्यापक, स्थायी और राष्ट्रव्यापी संघर्ष विराम की स्थापना के लिए सटीक प्रयास करना चाहिए। उधर, फ्रांस के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत निकोलस डी रिवियर ने भी जोर देकर कहा कि संघर्ष विराम के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा यह पहल सिर्फ संवैधानिक प्रावधानों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि  व्यापक राजनीतिक प्रक्रिया का आह्वान किया जाना चाहिए। फ्रांस राजदूत ने परिषद के समक्ष स्‍पष्‍ट किया कि फ्रांस सीरिया में हर जगह बढ़ती अस्थिरता के बारे में गहराई से चिंतित है।

सीरियाई कुर्दों ने 2012 में पूर्वोत्तर में एक स्वायत्त क्षेत्र की स्थापना की

बता दें कि सीरियाई कुर्दों ने 2012 में पूर्वोत्तर में एक स्वायत्त क्षेत्र की स्थापना की थी। तब से अमेरिका के सहयोग वाली सेना और इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी समूह से जंग लड़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए 23 मार्च को दुनिया भर के सभी संघर्षों को रोकने के लिए आग बुझाने का आह्वान किया है। बुधवार को सीरिया की राजनीतिक और मानवीय स्थिति पर बुधवार को अलग-अलग सुरक्षा परिषद की बैठकों में उनकी इस अपील का व्यापक समर्थन किया ।


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