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सीरिया में युद्ध विराम पर यूएन में प्रस्ताव पारित, चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए दी मंजूरी

सीरिया में मानवीय और चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए 30 दिनों का युद्ध विराम होगा।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sun, 25 Feb 2018 02:23 PM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2018 02:23 PM (IST)
सीरिया में युद्ध विराम पर यूएन में प्रस्ताव पारित, चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए दी मंजूरी
सीरिया में युद्ध विराम पर यूएन में प्रस्ताव पारित, चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए दी मंजूरी

संयुक्त राष्ट्र (एएफपी/आइएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सुरक्षा परिषद ने सीरिया में 30 दिनों के युद्ध विराम के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है। सुरक्षा परिषद ने मानवीय और चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए इसे मंजूरी दी। हालांकि यह नहीं बताया गया कि युद्ध विराम कब से लागू होगा, लेकिन कहा गया है कि इसे बिना देरी लागू किया जाए। गौरतलब है कि सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी घोउटा इलाके में सीरियाई सरकार के हवाई हमले में सात दिनों में करीब 500 नागरिकों की मौत हो गई है।

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इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका

सुरक्षा परिषद के 10 अस्थायी सदस्यों ने पांच स्थायी सदस्यों को प्रस्ताव पर सहमत होने के लिए जोर लगाया। दो दिनों की देरी और कई स्थगन के बाद स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस शनिवार को इस पर सहमत हो गए। आम सहमति बनाने में इस महीने के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि मंसूर अय्याद अल-ओतैबी और यूएन में स्वीडन के राजदूत ओलोफ स्कूग की प्रमुख भूमिका रही।

यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने पूर्वी घोउटा को धरती पर नरक बताया और कहा कि युद्ध विराम तत्काल लागू होना चाहिए। सुरक्षा परिषद में युद्ध विराम को मंजूरी के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी की चांसलर एंजेल मर्केल ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से संपर्क किया।

सुरक्षा परिषद में सीरियाई युद्ध विराम पर गुरुवार को मतदान होने की उम्मीद थी लेकिन बातचीत में सहमति न बन पाने और रूस से वीटो इस्तेमाल की आशंका से इसे टाल दिया गया। रूस सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को सैन्य मदद दे रहा है। सुरक्षा परिषद में मतदान के बाद यूएन में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि सुरक्षा परिषद में रूस के इंतजार में हर मिनट मानवीय त्रासदी बढ़ती गई। प्रस्ताव को मंजूरी में लगे तीन दिनों में न जाने कितनी मांओं ने बमबारी में अपने बच्चे खो दिए। जबकि रूसी राजदूत वेसिली नेबेनजिया ने पांव खींचने को आरोप को खारिज किया। उन्होंने कहा कि हम व्यावहारिक युद्ध विराम की मांग कर रहे थे।

ऐसे माना रूस

रूस की सहमति पाने के लिए प्रस्ताव की भाषा में बदलाव किया गया। पहले प्रस्ताव को मंजूरी के 72 घंटे बाद युद्ध विराम लागू करने की बात थी। इसे बदल कर 'बिना देरी' जोड़ा गया। साथ ही सहायता पहुंचाने के संदर्भ में तत्काल शब्द को हटा लिया गया। साथ ही यह भी शामिल किया गया कि इस्लामिक स्टेट या अलकायदा और उनसे जुड़े आतंकियों, संगठनों और संस्थाओं पर युद्ध विराम लागू नहीं होगा। बता दें कि रूस सीरियाई संघर्ष को लेकर अब तक 11 मसौदा प्रस्तावों पर वीटो लगा चुका है।


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