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UAE ने भारतीय दंपती के लिए बदला कानून, मुस्लिम मां व हिंदू पिता की बेटी को दिया जन्म प्रमाण पत्र

यूएई में शादी से जुड़े कानून के तहत मुस्लिम व्यक्ति गैर मुस्लिम महिला से शादी कर सकता है लेकिन मुस्लिम महिला किसी गैर मुस्लिम से शादी नहीं कर सकती।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 28 Apr 2019 07:32 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 02:26 PM (IST)
UAE ने भारतीय दंपती के लिए बदला कानून, मुस्लिम मां व हिंदू पिता की बेटी को दिया जन्म प्रमाण पत्र
UAE ने भारतीय दंपती के लिए बदला कानून, मुस्लिम मां व हिंदू पिता की बेटी को दिया जन्म प्रमाण पत्र

अबूधाबी, प्रेट्र। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एक दिलचस्‍प मामला सामने आया है। वहां की सरकार ने एक भारतीय हिंदू पिता और मुस्लिम महिला की बच्ची को बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया है, जो वहां के कानून को देखते हुए असामान्‍य मामला है। दरअसल दुबई में प्रवासियों के लिए बने शादी के कानून के अनुसार एक मुस्लिम पुरुष गैर मुस्लिम लड़की से तो शादी कर सकता है, लेकिन एक मुस्लिम महिला गैर मुस्लिम पुरुष से शादी नहीं कर सकती है। ऐसे में यह मामला दुबई के कानून के अनुसार थोड़ा उलट है। बताया जा रहा है कि इस तरह का यह पहला मामला है, जब नियमों का संशोधन किया गया है।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 9 महीने की जिस बच्ची को बर्थ सर्टिफिकेट दिया गया है, उसके माता-पिता भारतीय मूल के हैं और मां मुस्लिम है। बता दें कि यूएई ने साल 2019 को 'ईयर ऑफ टॉलेरेंस' घोषित किया है और इसके माध्यम से यूएई को एक सहिष्णु राष्ट्र के रूप में उजागर करने का प्रयास किया जा रहा है,जिससे अलग-अलग धर्मों के बीच बनी दूरियां कम हो सकें और एक ऐसे माहौल का निर्माण किया जा सके,जिसमें सभी धर्म के लोग आपसी सद्भाव से रह सके।

अंग्रेजी वेबसाइट खलीज टाइम्स के अनुसार, शारजाह में रहने वाले किरन बाबू और सोनम साबू सिद्दीकी जुलाई 2018 में एक असाधारण स्थिति में फंस गए थे, जब उन्होंने बेटी को जन्म दिया था। बता दें कि दोनों की शादी 2016 में भारत के केरल में हुई थी। पिता किरन बाबू का कहना है, ' मेरे पास अबूधाबी का वीजा है। मुझे इंश्योरेंस कवरेज मिला और मेरी पत्नी को अमीरात के मेडेऑर 24X7 अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि बच्चे की डिलीवरी के बाद, बर्थ सर्टिफिकेट अस्वीकार कर दिया गया, क्योंकि मैं एक हिंदू हूं।'

उन्होंने बताया, 'मैंने कोर्ट के माध्यम से नो-ओब्जेक्शन-सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया। चार महीनों तक जांच चली, लेकिन मेरे केस को अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अभी तक उनकी बेटी के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं था। हालांकि लंबी जांच के बाद उनकी बेटी को बर्थ सर्टिफिकेट देने का फैसला दिया गया है। किरन बाबू की बेटी को हिंदू पर्व विशू से एक दिन पहले 14 अप्रैल को बर्थ सर्टिफिकेट दिया गया है।


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