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सीरिया के इदलिब इलाके को लेकर रूस और तुर्की के बीच तनाव बढ़ा

तुर्की ने रूस के इन आरोपों को गलत बताया कि उसने सीरिया के इदलिब प्रांत इलाके में तनाव कम करने के लिए हुए समझौते का उल्लंघन किया है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 07:28 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 07:28 AM (IST)
सीरिया के इदलिब इलाके को लेकर रूस और तुर्की के बीच तनाव बढ़ा
सीरिया के इदलिब इलाके को लेकर रूस और तुर्की के बीच तनाव बढ़ा

अंकारा, रायटर। तुर्की ने रूस के इन आरोपों को गलत बताया कि उसने सीरिया के इदलिब प्रांत इलाके में तनाव कम करने के लिए हुए समझौते का उल्लंघन किया है। उसने रूस के साथ राजनयिक प्रयासों से बात नहीं बनने पर सैन्य कार्रवाई की धमकी भी दी है। यह समझौता रूस, तुर्की और सीरिया के बीच में हुआ था।

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सीरिया में चल रही लड़ाई का समर्थन करने वाले रूस और तुर्की के बीच 2018 में पश्चिमोत्तर प्रांत में शांत क्षेत्र स्थापित करने पर सहमति बनी थी। लेकिन शांति स्थापना का यह प्रयास पिछले दो हफ्ते के दौरान टूटता नजर आ रहा है। इदलिब प्रांत में पिछले दो हफ्ते के दौरान सीरिया सरकार की कार्रवाई में तुर्की के 13 सैनिक मारे गए हैं।

फरवरी के अंत तक सीरिया की फौज वापस नहीं लौटती

तुर्की ने कहा है कि अगर फरवरी के अंत तक सीरिया की फौज वापस नहीं लौटती है तो वह उसे खदेड़ने के लिए सैन्य कार्रवाई करेगा। तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन ने कहा है कि अगर उनके एक भी सैनिक मारे गए तो वह सीरिया के सैनिकों पर हमला करेंगे।

तुर्की ने इदलिब में सैन्य बलों को तैनात करके स्थिति को बिगाड़ी 

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन करने वाले रूस का कहना है कि तुर्की ने इदलिब में सैन्य बलों को तैनात करके स्थिति को बिगाड़ दी है और वहां आतंकवादियों को रोकने में विफल रहा है। वहीं तुर्की इदलिब में स्थिति बिगड़ने के लिए सीरियाई सरकारी बलों को जिम्मेदार ठहराता है। 

पड़ोसी में हो रही क्रूरता को नजरअंदाज नहीं कर सकते- तुर्की के उपराष्ट्रपति

तुर्की के उपराष्ट्रपति फूआट ओकटे ने प्रसारक एनटीवी को बताया 'हम अपने पड़ोसी में हो रही क्रूरता को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। तुर्की ने इदलिब में अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है। विदेश मंत्री मेव्लुट कैवसोग्लू ने कहा कि तुर्की कूटनीति के माध्यम से  रूस के साथ मामलों को हल करना चाहता था। लेकिन, म्यूनिख में एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन के दौरान बोलते हुए, उन्होंने कहा 'यदि यह राजनयिक चैनलों के माध्यम से काम नहीं करेगा, तो हम आवश्यक कदम उठाएंगे।'


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