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तूतनखामेन के मकबरे के पीछे कोई गुप्त कमरा नहीं

एक थ्योरी के अनुसार दावा किया गया था कि उस गुप्त कमरे में रानी नेफरटीटी की कब्र हो सकती है, जिसे कुछ लोग तूतनखामेन की मां मानते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 02:29 PM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 02:29 PM (IST)
तूतनखामेन के मकबरे के पीछे कोई गुप्त कमरा नहीं
तूतनखामेन के मकबरे के पीछे कोई गुप्त कमरा नहीं

काहिरा [प्रेट्र]। उच्च कोटी की रडार प्रणाली से गहन जांच के बाद मिस्र का पुरातत्व मंत्रालय ने कहा है कि उन्हें राजा तूतनखामेन के मकबरे के पीछे कोई गुप्त कमरा नहीं मिला है। इसी के साथ मिस्र के अधिकारियों ने अपनी जांच खत्म कर दी है। बता दें कि इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि उन्हें 90 फीसद यकीन है कि राजा तूतनखामेन के तीन हजार साल पुराने मकबरे की दीवार के पीछे एक छिपा हुआ कमरा है।

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एक थ्योरी के अनुसार दावा किया गया था कि उस गुप्त कमरे में रानी नेफरटीटी की कब्र हो सकती है, जिसे कुछ लोग तूतनखामेन की मां मानते हैं। दरअसल, एक ब्रिटिश पुरातत्वविद निकोलस रीव्स ने संभावना जताई थी कि मकबरे की दीवारों के पीछे मिस्र की एक अन्य मशहूर महारानी नेफरटीटी की कब्र हो सकती है। तब इस कमरे की खोज शुरू की गई थी।

वर्ष 2015 के छपे उनके पेपर द बुरियल ऑफ नेफरटीटी में निकोलस ने तर्क दिया था कि वहां एक छोटा मकबरा हो सकता है, जिसे रानी नेफरटीटी के लिए डिजाइन किया गया हो और संभावना है कि उनके अवशेष उस मकबरे में अब भी मौजूद हों। मिस्र के इतिहास की इस सबसे प्रसिद्ध रानी को लेकर कई अटकलें लगाई जाती रही हैं, लेकिन आज तक उनके अवशेषों को खोजा नहीं जा सका है।

रानी नेफरटीटी की एक तीन हजार साल पुरानी मूर्ति आज भी मौजूद है, जो कि प्राचीन मिस्न में उनकी पहचान को और भी पुख्ता करती है। ये भी माना जाता है कि रानी के पति फराओ अखनातन की मौत और उनके बेटे के गद्दी पर बैठाने के बीच का जो वक्त था उस दौरान रानी ने मिस्न पर शासन किया था। कहा जाता है कि उन्होंने अपने पति के साथ ईसा पूर्व 1353 से लेकर ईसा पूर्व 1336 तक शासन किया था।

महारानी नेफरटीटी और फराओ अखनातेन का नाम मिस्न के प्राचीन इतिहास से इस कारण मिटा दिया गया था क्योंकि अखनातन ने अनेक मिस्नी देवताओं की पूजा के स्थान पर केवल एक देवता यानी सूर्य देवता की पूजा शुरू कराई थी। पुरातत्वविद निकोलस के सनसनीखेज पेपर सामने आने के बाद कई और भी बातें सामने आईं जिससे गुप्त कमरा होने के दावे को बल मिला।

मकबरे की रिसर्च टीम के हेड डॉक्टर फ्रांसेस्को पोरसेली ने कहा, ये बात कुछ हद तक थोड़ा निराश करने वाली है कि तूतनखामेन के मकबरे के पीछे कुछ नहीं मिला, लेकिन दूसरी तरफ मुझे ये भी लगता है कि ये एक अच्छा विज्ञान है। 


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