तीन दिनों की देरी के बाद अफगानिस्तान और तालिबान संपर्क समूहों की वार्ता फिर शुरू
तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधियों के संपर्क समूहों में तीन दिन की देरी के बाद फिर से बातचीत शुरू हो गई है। एक अन्य सदस्य के मुताबिक वार्ता को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
दोहा, आइएएनएस। तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधियों के संपर्क समूहों में तीन दिन की देरी के बाद फिर से बातचीत शुरू हो गई है। टोलो न्यूज ने सरकारी प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के हवाले से बताया कि 12 सितंबर को अंतर-अफगान वार्ता की शुरुआत के बाद दोनों पक्षों द्वारा गठित समूहों ने लंबी बैठक की, लेकिन दो अहम बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है।
एक अन्य सदस्य के मुताबिक, वार्ता को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। हमें दो अहम बुनियादी बिंदुओं पर सहमत होना है। हमें उन मूल्यों को इकट्ठा करना है, जो आज के अफगानिस्तान और भविष्य के अफगानिस्तान का निर्माण करेंगे। यह हमारी पहचान के लिए बहुत जरूरी है। एक अन्य सदस्य का कहना है कि कोई भी यह भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि मतभेद कब दूर होंगे।
इस बीच, तालिबान ने कहा है कि 29 फरवरी को अमेरिका के साथ हुआ समझौता अफगान शांति वार्ता का मुख्य आधार है। इसे मान्यता दिए बिना वार्ता को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है। शांति वार्ता का एजेंडा तय करने के लिए संपर्क समूह अब तक पांच बैठकें कर चुके हैं।
पाकिस्तान का आभार जताया
अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सुलह परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने अफगान शांति प्रक्रिया को तर्कसंगत निष्कर्ष तक पहुंचाने में सहयोग के लिए पाकिस्तान को शुक्रिया कहा है। वह तीन दिन के दौरे पर सोमवार को पाकिस्तान पहुंचे हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अब्दुल्ला के साथ बैठक में कहा कि उनका देश अफगानिस्तान में गृह युद्ध खत्म करने के लिए एक शांतिपूर्ण और स्थायी राजनीतिक समाधान का हिमायती है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका-तालिबान समझौता और दोहा में अंतर-अफगान वार्ता से अफगानिस्तान में स्थायी शांति की उम्मीद पैदा हुई है। अफगान नेतृत्व को इस ऐतिहासिक अवसर का लाभ उठाते हुए शांति प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए गंभीर प्रयास करना चाहिए।