तालिबान ने अफगानिस्तान में संघर्ष विराम के लिए रखीं ये शर्ते
तालिबान ने कहा है कि अगर सऊदी अरब, यूएई व पाकिस्तान गारंटी देते हैं और अमेरिका, अफगानिस्तान में कार्यवाहक सरकार नियुक्त करता है तो हम संघर्ष विराम के बारे में सोच सकते हैं।
काबुल, रायटर/एएफपी। अफगानिस्तान में पिछले 17 साल से जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिका और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच तीन दिवसीय वार्ता संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबूधाबी शहर में जारी है। इस वार्ता में अफगानिस्तान में विदेशी बलों की मौजूदगी और छह माह के लिए संघर्ष विराम समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि तालिबान ने संघर्ष विराम के लिए कड़ी शर्ते रखी हैं।
अमेरिका के विशेष शांति दूत जल्मे खलीलजाद और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच मंगलवार को बैठक हुई। इससे पहले सोमवार को तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने सऊदी अरब, पाकिस्तान और यूएई के अधिकारियों से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, तालिबान प्रतिनिधियों ने बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल छह माह के संघर्ष विराम के लिए दबाव बना रहा है।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से विदेशी बलों को बाहर करने के लिए लड़ रहा तालिबान, संघर्ष विराम का विरोध कर रहा है क्योंकि उसे लगता है कि इससे उसे नुकसान हो सकता है। इससे अमेरिका और अफगान बलों को मदद मिल सकती है। तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर ये तीनों देश सऊदी अरब, यूएई व पाकिस्तान गारंटी देते हैं और अमेरिका, अफगानिस्तान में कार्यवाहक सरकार नियुक्त करता है तो हम संघर्ष विराम के बारे में सोच सकते हैं। वार्ता के बारे में अमेरिका की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है।
शांति वार्ता के लिए अफगान दल भी यूएई पहुंचा
अमेरिका और तालिबान के साथ वार्ता में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान के वार्ताकार भी मंगलवार को अबूधाबी पहुंच गए। अफगान राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा कि मुख्य वार्ताकार अब्दुल सलाम रहीमी के नेतृत्व में अफगान दल अबूधाबी पहुंच गया है।
पाक पीएम इमरान ने जताई उम्मीद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता से अफगानिस्तान में संघर्ष समाप्ति की राह खुल सकती है। पाकिस्तान इस वार्ता में मदद कर रहा है।