Move to Jagran APP

सीरियाई एयर डिफेंस ने राडार पर पकड़ी राजधानी दमश्‍क के आसमान में इजरायली मिसाइल

सीरिया की राजधानी दमश्‍क के ऊपर वहां की एयर डिफेंस ने इजरायली मिसाइल का पता लगाया है। इसके निशाने पर ईरानी मिलिशिया और सीरियाई फोर्स थी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 12:59 PM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 12:59 PM (IST)
सीरियाई एयर डिफेंस ने राडार पर पकड़ी राजधानी दमश्‍क के आसमान में इजरायली मिसाइल
सीरियाई एयर डिफेंस ने राडार पर पकड़ी राजधानी दमश्‍क के आसमान में इजरायली मिसाइल

कायरो (रॉयटर)। सीरिया के एयर डिफेंस इंटरसेप्‍टर ने राजधानी दमश्‍क के ऊपर से जाती एक मिसाइल का पता लगाया है। यह मिसाइल इजरायल के गोलन हाइट से छोड़ी गई थी। हालांकि स्‍थानीय मीडिया ने इसके टार्गेट को लेकर कुछ नहीं कहा है साथ ही इससे किसी तरह के जान माल की हानि की भी कोई जानकारी नहीं है। सीरिया के स्‍थानीय टीवी चैनल लखबारिया के मुताबिक यह मिसाइल गोलन हाइट से दागी गई और इसने लेबनान एयरस्‍पेस का इस्‍तेमाल किया था। आपको यहां पर ये भी बता दें कि गोलन हाइट्स को लेकर काफी समय से सीरिया और इजरायल के बीच विवाद बना हुआ है। 

loksabha election banner

पहले भी हुए हैं मिसाइल हमले 

सीरियाई समाचार एजेंसी सना ने कहा है कि पहले भी इस तरह की कई मिसाइलें दागी गई हैं जिन्‍हें सीरिया ने समय रहते और अपने टार्गेट तक पहुंचने से पहले ही मार गिराया था। ब्रिटेन बेस्‍ड वार मॉनिटर सीरियन ऑब्‍जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक ये मिसाइल सीरियाई फोर्सेस और दमश्‍क में मौजूद ईरानी मिलिशिया को निशाना बनाकर छोड़ी गई थी। आपको बता दें कि इजरायल लगातार दमश्‍क में मौजूद ईरानी मिलिशिया को अपना निशाना बनाकर बमबारी करता रहा है। इस तरह के हमलों का मकसद दमश्‍क में ईरानी मिलिट्री को समाप्‍त करना है। हाल के कुछ समय में इस तरह की बमबारी या हमलों में इजाफा भी हुआ है। 

एयरबेस को बनाया था निशाना

पिछले माह भी इजरायली लड़ाकू विमानों ने सीरियाई टी4 एयरबेस को निशाना बनाया था। यह एयरबेस होम्‍स  प्रांत में स्थित है। हालांकि यहां पर सीरिया ने एयर डिफेंस सिस्‍टम तैनात किया हुआ है, जिसकी बदौलत इजरायल से हुए कई मिसाइल हमलों को नाकाम भी किया गया है।  

गोलन हाइट्स

सामरिक रूप से महत्वपूर्ण गोलान पहाडि़यों को इजरायल ने 1967 के युद्ध में सीरिया से जीत लिया था। इजरायल ने 1981 में इसे अपना हिस्सा घोषित कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय जगत में इसका विरोध होने पर यथास्थिति बहाल कर दी गई। अमेरिका की 50 वर्षो से भी ज्यादा समय से चली आ रही नीति के उलट राष्ट्रपति ट्रंप ने मई 2019 इस इलाके पर इजरायली स्वामित्व को मान्यता दी थी। ट्रंप के इस फैसले पर जहां अरब लीग बंटा हुआ है वहीं ज्‍यादातर देशों ने ट्रंप के इस फैसले को सिरे से खारिज कर दिया था।

अरबलीग की नाराजगी

गौरतलब है कि अरब लीग करीब 22 देशों का संगठन है। लेकिन इस संगठन में मौजूद देशों के अपने निजी हित और अपनी परेशानियां भी हैं जिसके चलते इस मुद्दे पर वह बंट गया है। ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ सीरिया ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का दरवाजा खटखटाया था और पुरानी स्थिति को बरकरार करने की मांग की थी। 

ये भी पढ़ें:- 

अफसोस! भारत में हर रोज होती है एक साल से कम आयु के लगभग 2,350 बच्चों की मौत

चुनाव सुधार से लेकर राजनीति में जड़ें जमा चुके भ्रष्‍टाचार को उखाड़ फेंकना भी जरूरी 

जानें सेना में महिलाओं को कमांड पोस्‍ट दिए जाने पर क्‍या कहते हैं रिटायर्ड मेजर जनरल सहगल 

तीन झूठ के जरिये दुनिया को पागल बनाने की कोशिश कर रहे हैं इमरान खान, जानें इनकी सच्चाई  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.