ईरान को एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के संकेत, आर्थिक मुश्किलें और बढ़ जाएंगी
आतंकी संगठनों के अर्थतंत्र पर प्रहार के लिए बने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन न करने पर ईरान को एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के संकेत हैं।
पेरिस, रायटर। आतंकी संगठनों के अर्थतंत्र पर प्रहार के लिए बने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन न करने पर ईरान को एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के संकेत हैं। अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान पहले से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार से दूर हो चुका है। एफएटीएफ की ब्लैक सूची में डाले जाने से उसकी आर्थिक मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
तीन साल से दी जा रही चेतावनी के बाद आएगा फैसला
यह फैसला ईरान को बीते तीन साल से दी जा रही चेतावनी के बाद आएगा। इससे पहले एफएटीएफ ने ईरान के लगातार अनुरोध करता रहा है कि वह आतंकियों को मिलने वाले धन की रोकथाम के अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करे। ईरान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने बैंकों और आर्थिक संस्थाओं से उसके लेन-देन की और कड़ाई से समीक्षा होगी। ईरान से संबंधित आर्थिक संस्थाओं की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। ईरान के बैंकों और कारोबारों पर दबाव बढ़ाया जाएगा।
आतंकियों के खिलाफ कदम न उठाने के गंभीर दुष्परिणाम भुगतने होंगे
पश्चिमी देश से संबंधित एक राजनयिक ने बताया कि ईरान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने की घोषणा शुक्रवार को किसी समय हो सकती है। इससे ईरान को आतंकियों के खिलाफ कदम न उठाने के गंभीर दुष्परिणाम भुगतने होंगे। वह कर्ज लेने की क्षमता खो बैठेगा, साथ ही दुनिया के अर्थतंत्र से बाहर होने के कगार पर पहुंच जाएगा। एक अन्य पश्चिमी देश के राजनयिक ने भी ईरान को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने की प्रक्रिया की पुष्टि की है। उल्लेखनीय है कि 2018 में अमेरिका के परमाणु समझौते से बाहर आने के बाद से ईरान की स्थिति निरंतर बिगड़ती जा रही है।
पाकिस्तान को नहीं मिली राहत, एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में रखा बरकरार
पेरिस में एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) का पूर्ण सत्र की बैठक में पाकिस्तान को लेकर बड़ा फैसला सुनाया गया। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। इस दौरान आतंकी फंडिंग को लेकर पाकिस्तान को एफएटीएफ की निगरानी सूची में बनाए रखने को कहा गया।
गौरतलब है कि आतंकी फंडिंग समेत काले धन का प्रवाह रोकने के लिए पूरे विश्व में एक समान नियम कानून बनाने के लिए बनाई गई संस्था एफएटीएफ की पिछले रविवार से पेरिस में बैठक चल रही है और इसका फैसला शुक्रवार को सामने आया है।