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Covid-19: हज कर सकेंगे केवल 1000 श्रद्धालु, सऊदी अरब में रहने वालों को ही अनुमति

महामारी का असर इस साल होने वाले हज यात्रा पर दिख रहा है। सऊदी अरब ने विभिन्न देशों के उन्हीं 1000 नागरिकों को हज के लिए अनुमति दी है जो पहले से यहां हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 08:38 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 10:00 AM (IST)
Covid-19: हज कर सकेंगे केवल 1000 श्रद्धालु, सऊदी अरब में रहने वालों को ही अनुमति
Covid-19: हज कर सकेंगे केवल 1000 श्रद्धालु, सऊदी अरब में रहने वालों को ही अनुमति

रियाध, एएनआइ। सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने सोमवार को इस साल के हजयात्रा के लिए केवल 1000 श्रद्धालुओं को अनुमति देने का ऐलान किया। 31 जुलाई से शुरू हो रहे हजयात्रा के लिए विभिन्न देशों के केवल 1000 श्रद्धालुओं को अनुमति दी है जो पहले से यहां रह रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण में लगातार इजाफे को देखते हुए सऊदी अरब ने यह फैसला लिया है। हज मंत्री मोहम्मद बेंटेन (Mohammad Benten) ने कहा,'इस बार हज यात्रियों की संख्या 1000 होगी। इसमें थोड़ा अधिक या कम हो सकता है लेकिन हजारों में नहीं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस वर्ष के हज के लिए चयन प्रक्रिया का आधार क्या होगा। यहां संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन को 22 जून से हटा दिया गया।

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नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई

कमांडर जायद अल तुवैलान ने चेतावनी देते हुए कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को जुर्माना और जेल का प्रावधान है। वहीं गैर सऊदियों को निर्वासन का सामना भी करना पड़ सकता है। सऊदी  ने जुलाई में शुरू हो रहे हज यात्रा के लिए तैयारियों की घोषणा की है। शिन्हुआ न्यूज के अनुसार, हज सुरक्षा बलों के कमांडर जायद अल तुवैलान (Zayed Al Tuwailan) ने रविवार को बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां पूरी तैयारी हो चुकी है। दी गई जानकारी के अनुसार, इस साल 160 देशों के श्रद्धालु वार्षिक हजयात्रा में हिस्सा लेंगे।

अर्थव्यवस्था को नुकसान

यूनाइटेड किंगडम में संक्रमण में बढ़ोतरी के कारण लिए गए इस फैसले से यहां की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर होगा। बता दें कि मिड्ल ईस्ट के तमाम देशों में सबसे अधिक मामले यहीं हैं। यहां अब तक कुल 13 सौ मौतें हो चुकी है और संक्रमण के कुल मामले 1 लाख 61 हजार हैं। इस हज यात्रा से हर साल सऊदी की अर्थव्यवस्था में 12 बिलियन डॉलर का इजाफा होता है जो इस बार नहीं हो सकेगा। यहां पहले ही तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से अर्थव्यवस्था कमजोर हो चुकी है। इसी साल उमरा यात्रा भी निरस्त की गई थी। 


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