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सऊदी में भारतीय कामगारों के लिए खुशखबरी, 86 साल बाद पहली बार लेबर कोर्ट का गठन

सऊदी अरब में करीब एक करोड़ तीस लाख श्रमिक हैं। इसमें करीब एक करोड़ श्रमिक देश से बाहर के हैं, जबकि तीस लाख श्रमिक सऊदी अरब के हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 09:03 AM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 03:04 PM (IST)
सऊदी में भारतीय कामगारों के लिए खुशखबरी, 86 साल बाद पहली बार लेबर कोर्ट का गठन
सऊदी में भारतीय कामगारों के लिए खुशखबरी, 86 साल बाद पहली बार लेबर कोर्ट का गठन

रियाद [ जेएनएन ]। सऊदी अरब ने पहली बार श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। देश में निवेश को बढ़ावा देने के मकसद से यहां लेबर कोर्ट के दरवाजे खोल दिए हैं। इसका लाभ यहां काम कर रहे एक करोड़ तीस लाख श्रमिकों को मिलेगा। सऊदी अरब के न्याय मंत्री वालिद अल सामानी और श्रम और सामाजिक विकास मंत्री अहमद अल राजी ने 25 नवंबर को देश के पहले लेबर कोर्ट को लॉन्च किया। ये अदालतें देश के प्रमुख शहरों- रियाद, जेद्दाह, दम्मम, मक्का, मदीना, आभा और बुरीदाह में गठित की गई हैं।

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श्रमिकों को अपने देश में आ‍कर्षित करने के मकसद से सऊदी अरब ने अपने 86 साल के इतिहास में श्रमिक अदालतों की स्‍‍थापना की है। इसका मकसद देश में व्‍यापार और निवेश के लिए बेहतर वातावरण तैयार करना है। सऊदी अरब ने जुलाई में जारी आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में करीब एक करोड़ तीस लाख श्रमिक हैं। इसमें करीब एक करोड़ श्रमिक देश से बाहर के हैं, जबकि तीस लाख श्रमिक सऊदी अरब के हैं।

यहां के श्रम मंत्री ने बताया कि देश में गठित श्रम अदालते पूरी तरह से डिजिटलकृत होंगी। उन्‍होंने कहा कि शुरुआत में शहर के प्रमुख नगरों में इनकी स्‍थापना की जाएगी। अहमद अल राजी ने कहा सऊदी अरब में इस प्रकार की अदालतों के खुलने से देश में श्रमिक हितों का एक अनुकूल वातावरण तैयार होगा। इससे अन्‍य मुल्‍कों से यहां श्रमिकों की आवक बढ़ेगी। मंत्रालय ने उम्‍मीद जताई है कि देशभर में चल रही मेगा परियोजनाओं के चलते यहां श्रमिकों की मांग बढ़ी है। इस कदम से यह उम्‍मीद की जा रही है कि यहां बढ़ते श्रमिकों की मांग को देखते हुए इनकी आवक बढ़ेगी। न्याय मंत्रालय का कहना है कि इन अदालतों के माध्यम से निम्‍न उद्देश्यों को हासिल करना है। इसमें निवेश के अवसरों को बढ़ावा देना, उत्कृष्टता प्राप्त करना, श्रमिक हितों के मामलों पर त्‍वरित निर्णय लेना शामिल है।

दरअसल, इन अदालतों का विचार अक्‍टूबर में वाणिज्यिक अदालतों के खुलने के साथ हुआ। बता दें कि गत महीने सऊदी के तीन प्रमुख शहरों- रियाद, जेद्दाह और दम्मम में में वाणिज्यिक अदालतों का परिचालन शुरू हुआ। ये नई अदालतें बिजनेस एनवायरनमेंट, निवेश को पुनर्जीवित करने और राज्य में आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए विजन-2030 की पहल के अनुरूप हैं। वाणिज्यिक अदालतों के शुभारंभ के वक्‍त अल सामानी ने कहा था कि ये कानूनी संस्थाएं व्यावसायिक विवादों के समाधान में तेजी लाएंगी और इससे व्यावसायिक क्षेत्र में विश्‍वास और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई है कि वाणिज्यिक विवाद प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके कारोबारी माहौल को बेहतर किया जाएगा। इससे देश में निवेश और  आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।


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