सऊदी ने विदेशी श्रद्धालुओं को दी उमरा जाने की इजाजत, कोरोना के चलते सात माह से इस्लामिक तीर्थस्थल था बंद
उमरा की सेवाएं तीसरे चरण में खोली जा रही है। इसके लिये गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन के मुताबिक यहां आने वाले विदेशी तीर्थयात्रियों को पहले तीन दिन क्वारंटाइन किया जाएगा। तीर्थयात्री के पास 72 घंटे तक की पीसीआर की निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट होना जरूरी है।
रियाद, आइएएनएस। कोरोना महामारी के चलते सात माह से विदेशी तीर्थयात्रियों के लिए बंद 'उमरा' (इस्लामिक तीर्थ यात्रियों का मक्का आना) को सऊदी अरब ने अनुमति दे दी है। यहां आने के लिए सरकार ने कुछ शर्ते और पाबंदियां लगाई हैं। उमरा की सेवाएं तीसरे चरण में खोली जा रही है। इसके लिये गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन के मुताबिक यहां आने वाले विदेशी तीर्थयात्रियों को पहले तीन दिन क्वारंटाइन किया जाएगा। तीर्थयात्री के पास 72 घंटे तक की पीसीआर की निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट होना जरूरी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह निर्णय मक्का की बड़ी मस्जिद को 4 अक्टूबर को पहले तीर्थयात्रियों के जत्थे के लिए खोले जाने के बाद लिया गया है।
सऊदी अरब की सरकार ने मार्च में उमरा और मस्जिदों में नमाज पर रोक लगा दी थी। साथ ही सभी अतंरराष्ट्रीय उड़ान को भी रोक दिया था। कोरोना वायरस से अब तक सऊदी अरब में करीब पांच हजार लोगों की मौत हो चुकी है। सवा तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
दुनियाभर के मुसलमान साल भर तीर्थस्थल उमरा के लिए करते हैं यात्रा
बता दें दुनियाभर के मुसलमान साल भर उमरा के लिए मक्का की यात्रा करते हैं। इसे साल के किसी भी महीने में किया जा सकता है। हज मंत्री मोहम्मद बेनटेन (Hajj Minister Mohammad Benten) ने पिछले दिनों यह जानकारी दी थी कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को समूहों में बांटा जाएगा ताकि मक्का के मस्जिद में शारीरिक दूरी बनी रहे।
सऊदी अरब सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सरकार हज और उमरा से हर साल 12 अरब डॉलर कमाती है। सऊदी अरब के आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि उसने उमरा को घरेलू तीर्थ यात्रियों और अन्य मुसलमानों की इच्छाओं का सम्मान करते हुए इसको अनुमति देने का फैसला किया है ताकि वे उमरा और अन्य पाक जगहों का दौरा कर सकें।