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तालिबान में रार, हक्कानी नेटवर्क के नेता से तीखी बहस के बाद मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने काबुल छोड़ा

पिछले हफ्ते अफगानिस्तान मेें तालिबान की अंतरिम सरकार के गठन के साथ-साथ आपसी रार भी छिड़ गई है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार समूह के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने काबुल छोड़ दिया है। हाल के समय में तालिबान के नेतृत्व में असहमति की अपुष्ट खबरें भी आई हैं।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 06:11 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 08:05 PM (IST)
तालिबान में रार, हक्कानी नेटवर्क के नेता से तीखी बहस के बाद मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने काबुल छोड़ा
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने काबुल छोड़ दिया है।

काबुल, आइएएनएस। अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार बनने के दौरान मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और हक्कानी नेटवर्क के नेता खलीलुर्रहमान हक्कानी के बीच झगड़ा हुआ था। इस दौरान दोनों के समर्थक भी भिड़ गए थे। इसके बाद मुल्ला बरादर कंधार भाग गया। यह पूरा घटनाक्रम राष्ट्रपति पैलेस में ही हुआ। बीबीसी पश्तो के अनुसार तालिबान के एक सूत्र ने बताया कि मौजूदा कैबिनेट मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के नेता खलीलुर्रहमान हक्कानी से झगड़े के बाद ही मुल्ला बरादर राष्ट्रपति पैलेस से निकल गया था, शायद उसे यहां खतरा महसूस हो रहा था।

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कतर में रहने वाले एक वरिष्ठ तालिबान सदस्य ने भी दोनों के बीच झगड़े की पुष्टि की है। झगड़े का कारण अंतरिम सरकार के गठन में लोगों के शामिल करने को लेकर था। मुल्ला बरादर अंतरिम सरकार के गठन को लेकर खुश नहीं था। सरकार गठन के दौरान जीत का श्रेय लेने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। बरादर का यह मानना है कि उसकी कूटनीति ने जीत में अहम भूमिका निभाई है, जबकि हक्कानी नेटवर्क के नेताओं का मानना था कि सीधी लड़ाई के कारण ही तालिबान का काबुल पर कब्जा हुआ है।

इसी दौरान दोनों के समर्थक आपस में जबर्दस्त तरीके से भिड़ गए। हक्कानी नेटवर्क खूंखार आतंकियों का संगठन है और इसको अमेरिका ने प्रतिबंधित किया हुआ है। इसके नेता सिराजुद्दीन हक्कानी नई सरकार में गृह मंत्री है। ज्ञात हो कि सरकार गठन के बाद से ही मुल्ला बरादर सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिया है। अब उसके कंधार से काबुल लौटने की संभावना बन रही है। हो सकता है कि मुल्ला बरादर कुछ दिन में कैमरे के सामने आए और इस घटनाक्रम से मुकरने की कोशिश करे।

बीते दिनों बरादर की मौत की अफवाहें फैली थीं। इसका उसने आडियो जारी करके खुद खंडन किया था। तालिबान के सुप्रीम कमांडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा को लेकर भी अटकलें बनी हुई हैं, जिसे कभी भी सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। वह तालिबान का राजनीतिक, सैन्य और धार्मिक मामलों का प्रभारी है।


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