SCO Summit : ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ पीएम मोदी की आधिकारिक मुलाकात रद
एससीओ सम्मेलन के दौरान ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ पीएम मोदी की आधिकारिक मुलाकात को रद करना पड़ा है। यह मुलाकात शेड्यूलिंग की
बिश्केक, एजेंसी। किर्गिस्तान के बिश्केक में आयोजित दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ पीएम मोदी की आधिकारिक मुलाकात को रद करना पड़ा। यह मुलाकात शेड्यूलिंग की समस्या की वजह से नहीं हुई। अमेरिका ने ईरान और वेनेज़ुएला पर आर्थिक प्रतिबंध लगाया हुआ है। ये दोनों देश विश्व में तेल के तीसरे और चौथे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। भारत में इन दोनों देशों से होने वाली तेल की आपूर्ति सबसे अहम है। अमेरिका के आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से भारत में आयात बंद है। ऐसे में माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मसले पर ईरान के राष्ट्रपति रूहानी के साथ बात कर सकते हैं।
Sources: Prime Minister Narendra Modi's meeting with Iran President Hassan Rouhani in Bishkek, Kyrgyzstan, cancelled due to scheduling issues. The official banquet got delayed which disrupted the schedule of all the leaders. (file pic) pic.twitter.com/pGN6oyaytd
— ANI (@ANI) June 14, 2019
इससे पहले किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव और पीएम मोदी के बीच बैठक हुई। यह बैठक बिश्केक में India-Kyrgyzstan Business Forum को लेकर हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जीनबेकोव को शुक्रिया कहते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच प्राचीन संबंध रहे हैं। व्यापार और निवेश के संदर्भ में हम इन संबंधों का और विस्तार चाहेंगे। व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए पांच साल की योजना तैयार है।
पीएम मोदी ने द्विपक्षीय निवेश समझौता को लेकर कहा कि भारत के आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकी में उन्नति दुनिया भर में विकास का प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा, भारत के युवा और अन्वेषक भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
Kyrgyzstan: Prime Minister Narendra Modi with Kyrgyzstan President Sooronbay Jeenbekov, at India-Kyrgyzstan Business Forum in Bishkek. pic.twitter.com/ZX4bpo83dn— ANI (@ANI) June 14, 2019
इससे पहले सम्मेलन में सभी सदस्यों ने आतंकवाद पर बड़ा संदेश दिया। एसएसीओ समिट में इस दौरान सभी सदस्य देशों ने आतंकवाद को लेकर सभी सदस्यों ने साझा घोषणापत्र जारी किया है। साथ ही 14 समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
MEA at the SCO summit in Bishkek, Kyrgyzstan: All member countries have come to a consensus on a statement against terrorism, i.e.consensus of all the countries which are coming out with a joint declaration. It is a strong statement endorsed by all the member countries pic.twitter.com/4M6C9XOpeE— ANI (@ANI) June 14, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले, इसका वित्तपोषण करने वाले और आतंकियों की मदद करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के मसले पर वैश्विक सम्मेलन का आह्वान भी किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के मसले पर बिना नाम लिए पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को मजबूत करने की एससीओ की भावना और उसके विचारों को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद मुक्त समाज के लिए खड़ा है। आतंकवाद से निपटने के लिए दुनिया की मानवतावादी ताकतों को एकजुट होना होगा।
मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए देशों को अपने संकीर्ण दायरे से बाहर आना होगा। आतंकवाद को प्रोत्साहन, समर्थन, धन मुहैया करने वाले देशों को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। भारत आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सहयोग का आह्वान कर रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एससीओ नेताओं से आतंकवाद पर एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित करने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने श्रीलंका में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद हर कहीं मासूमों की जान ले रहा है। आतंकवाद का सफाया करने के लिए एससीओ के सदस्य देशों को सहयोग की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करना चाहिए। आतंकवाद को पालने वाले देशों के बारे में दोबारा से विचार करने की जरूरत है। आतंकवाद पूरी दुनिया में एक बड़ी समस्या बन चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य राष्ट्राध्यक्षों के संबोधन के बाद सम्मेलन से जुड़े दस्तावेजों पर दस्तखत किए गए। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सोरोनबे जीनबेकोव (Sooronbay Jeenbekov) से मुलाकात की। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (Raveesh Kumar) ने बताया कि राष्ट्रपति सोरोनबे जीनबेकोव (Sooronbay Jeenbekov) ने एससीओ सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
बता दें कि किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक नरेंद्र मोदी के लिए प्रधानमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल में पहला अहम सम्मेलन है, जिसमें कई देश शामिल हो रहे हैं। 1996 में गठित एससीओ में पहले पांच देश शामिल थे, अब आठ हो गए हैं। एससीओ की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन और रूस के शासनाध्यक्षों के साथ बैठक की।
चूंकि लंबे अर्से से सार्क यानी दक्षेस की बैठक नहीं हो पा रही है इसलिए भारत के लिए एससीओ एक बड़ा मंच है, जिसमें उसने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा जोर शोर से उठाया है। कल भी चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात में पीएम मोदी ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी चिनफिंग से कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर खास सुधार करता नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसे में उससे बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ पीएम मोदी की आधिकारिक मुलाकात को रद करना पड़ा है। यह मुलाकात शेड्यूलिंग की समस्या की वजह से नहीं हुई। अमेरिका ने ईरान और वेनेज़ुएला पर आर्थिक प्रतिबंध लगाया हुआ है। ये दोनों देश विश्व में तेल के तीसरे और चौथे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। भारत में इन दोनों देशों से होने वाली तेल की आपूर्ति सबसे अहम है। अमेरिका के आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से भारत में आयात बंद है। ऐसे में माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मसले पर ईरान के राष्ट्रपति रूहानी के साथ बात कर सकते हैं।
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