2016 में तख्तापलट से जुड़े 700 लोगों को तुर्की में गिरफ्तार करने का आदेश
तुर्की में मंगलवार को लगभग 700 लोगों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया। इसमें सेना और कानून मंत्रालय से जुड़े लोग भी शामिल हैं।
इस्तांबुल, रायटर। तुर्की में मंगलवार को लगभग 700 लोगों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया। इसमें सेना और कानून मंत्रालय से जुड़े लोग भी शामिल हैं। इस कार्रवाई को 2016 में तख्तापलट की कोशिशों से जुड़े नेटवर्क पर लगाम कसने के तौर पर देखा जा रहा है।
मुस्लिम धर्मगुरु ने की थी तख्तापलट की नाकाम कोशिश
2016 में मुस्लिम धर्मगुरु फेतुल्लाह गुलेन ने तख्तापलट की नाकाम कोशिश की थी। इस दौरान 250 लोग मारे गए थे। एक समय गुलेन राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के सहयोगी हुआ करते थे, लेकिन बाद में उनके कट्टर दुश्मन बन गए। 1999 से अमेरिका के पेंसिलवेनिया में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे गुलेन ने तख्तापलट की किसी भी कोशिश में अपनी संलिप्तता से इन्कार किया है।
80 हजार लोगों को जेल भेजा गया
तख्तापलट की कोशिशों के तहत लगभग 80,000 लोगों को जेल भेजा गया था। इनके मुकदमे की सुनवाई अभी भी शुरू नहीं हो सकी है। जबकि 1,50,000 नौकरशाह, सैन्य कर्मियों और अन्य लोगों को नौकरी से बर्खास्त या निलंबित कर दिया गया था। यूरोपीय संघ और तुर्की के पश्चिमी सहयोगियों ने उसके इस कदम की आलोचना की है, लेकिन अंकारा ने देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए अपने इस कदम का बचाव किया है।
गुलेन के नेटवर्क को खत्म करना जरूरी
राष्ट्रपति अरडोगान ने कहा था कि फतह गुलेन से किसी भी तरह के संबंध रखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। तुर्की की संप्रभुता की रक्षा के लिए ऐसे तत्वों के खिलाफ अभियान चलाना जरूरी है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि जिस तरह से सरकार कार्रवाई कर रही है वो अपने आप में तख्तापलट से कम नहीं है। राष्ट्रपति अरडोगान ने कहा कि गुलेन के नेटवर्क को खत्म कर अराजक हालात से तुर्की को मुक्त कराना जरूरी है। तुर्की ने अमेरिका से गुलेन को सौंपने की मांग की है ताकि वो तख्ता पलट मामले में उसे सजा दे सके।