सीरिया में क्लोरीन को रासायनिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गयाः OPCW
सीरिया में क्लोरीन गैस को रासायनिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया। वैश्विक शस्त्र निगरानी फर्म ने इस बात की पुष्टि की है।
हेग (एएफपी)। सीरिया में क्लोरीन गैस को रासायनिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया। वैश्विक शस्त्र निगरानी फर्म OPCW यानि रासायनिक शस्त्र निषेध संगठन ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की। बता दें कि फरवरी में सीरिया के शहर साराकब में क्लोरीन का रिसाव हुआ था। जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। संगठन की ओर जारी एक बयान में कहा गया है कि 4 फरवरी को सीरिया के शहर सारकब के नजदीक अल तलील से मशीनों की मदद से क्लोरीन गैस छोड़ी गई। टीम ने नतीजे पर पहुंचने के लिए जांच के दौरान मिले दो सिलेंडर को आधार बनाया है। इनमें पहले से क्लोरीन होने की बात थी। हालांकि इस निगरानी करने वाली संस्था ने ये नहीं बताया कि सीरिया में छिड़े गृह युद्ध में किन लोगों ने क्लोरीन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है।
लोगों को हुई थी सांस लेने में तकलीफ
गौरतलब है कि चार फरवरी को सीरिया के साराकब शहर के 11 लोगों को सांस लेने में तकलीफ की वजह से इलाज करवाना पड़ा था। जिसके बाद सीरियाई सरकार ने शहर में छापेमारी की। नजदीकी शहर इदलिब के डॉक्टर मोहम्मद गालिब तन्हारी ने बताया कि उस वक्त उनके अस्पताल में 11 लोगों का इलाज हुआ था। सभी में जहरीली क्लोरीन गैस के कारण सांस लेने में तकलीफ के लक्षण थे। इसके अलावा उन्हें खांसी भी हो रही थी।
चश्मदीदों से भी जाना उस दिन का हाल
रासायनिक शस्त्र निषेध संगठन (OPCW) का कहना है कि उसकी टीम में चश्मदीदों से बात की और पाया कि उस वक्त काफी मरीजों में क्लोरीन के प्रभाव के कारण सांस लेने की तकलीफ को देखा जा सकता था। संस्था के मुखिया अहमत ज़ूमकु ने कहा कि वह जहरीले रसायन का किसी भी स्थिति, व्यक्ति और किसी भी कारण से हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की कड़ी निंदा करते हैं। इसके अलावा संस्था को अपनी एक और रिपोर्ट का इंतजार है, जिसमें 7 अप्रैल को सीरिया के शहर डूमा पर भी ऐसे ही रसायनिक हमले का शक है। क्योंकि बचाव दल के लोगों का कहना है कि उस दिन क्लोरीन के कारण 40 लोगों की मौत हुई। वहीं, सीरिया और रूस ने सीरियाई स्वयंसेवकों पर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के आदेश पर 7 अप्रैल की वीडियो फुटेज प्रसारित करने का आरोप लगाया है।