अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान द्वारा नियुक्त मेयर ने काबुल में लागू किया शरिया कानून
काबुल के मेयर हमदुल्ला नोमानी ने कहा कि संविदा कंपनियों को उनके बकाये का भुगतान किया जाएगा सड़क किनारे दुकान लगाकर सामान बेचने वालों को स्थानांतरित किया जाएगा और भ्रष्टाचार करने वालों के साथ शरिया कानून के हिसाब से निपटा जाएगा।
काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान की तरफ से नियुक्त काबुल के मेयर हमदुल्ला नोमानी ने सोमवार से राजधानी में शरिया कानून लागू कर दिया है। दुनिया के सामने अपनी उदार छवि पेश करने वाले तालिबान की तरफ से यह कदम अमेरिकी सेना के वापस लौटते ही उठाया गया है।
नोमानी ने कहा- भ्रष्टाचार करने वालों के साथ शरिया कानून से निपटा जाएगा
पाजवोक अफगान न्यूज के साथ विशेष बातचीत में नोमानी ने कहा कि संविदा कंपनियों को उनके बकाये का भुगतान किया जाएगा, सड़क किनारे दुकान लगाकर सामान बेचने वालों को स्थानांतरित किया जाएगा और भ्रष्टाचार करने वालों के साथ शरिया कानून के हिसाब से निपटा जाएगा।
काबुल नगर पालिका में भ्रष्टाचार: कर्मचारी और पुलिस करती है अवैध वसूली
काबुल नगर पालिका में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। दो हफ्ते पहले ही पाजवोक अफगान न्यूज ने एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया था कि नगर पालिका के कर्मचारी और पुलिसकर्मी प्रतिदिन सड़क किनारे दुकान लगाने वालों से दो करोड़ अफगानी की अवैध वसूली करते हैं।
तालिबान ने सभी देशों से काबुल में दूतावास खोलने को कहा
अफगानिस्तान से अमेरिका निकल गया है। अब तालिबान ने अमेरिका समेत सभी देशों से काबुल में अपने दूतावास खोलने को कहा है। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अपने दूतावास बंद कर दिए थे। टोलो न्यूज के मुताबिक तालिबान ने सभी देशों से अपने दूतावास खोलने का आह्वान किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा, 'अमेरिका को काबुल में अपनी राजनयिक मौजूदगी बनाए रखनी चाहिए। उनके साथ हमारा संवाद चैनल हैं और हम उम्मीद करते हैं कि वे काबुल में अपना दूतावास फिर खोलेंगे और हम उनके साथ व्यापार संबंध भी रखना चाहते हैं।'
सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिका ने काबुल दूतावास को दोहा स्थानांतरित कर दिया
बता दें कि सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिका ने भी अपने काबुल दूतावास को कतर की राजधानी दोहा स्थानांतरित कर दिया है। तालिबान ने सभी देशों से अफगानिस्तान में निवेश करने के साथ ही उसके पुनर्निर्माण में मदद मांगी है।