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नेतन्याहू बोले, अमेरिका के सीरिया से सेना हटाने से इजरायली नीति में बदलाव नहीं...

नेतन्याहू ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक की शुरुआत में कहा कि अमेरिका के 2,000 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले से हमारी नीति में बदलाव नहीं होगा।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 12:56 PM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 12:56 PM (IST)
नेतन्याहू बोले, अमेरिका के सीरिया से सेना हटाने से इजरायली नीति में बदलाव नहीं...
नेतन्याहू बोले, अमेरिका के सीरिया से सेना हटाने से इजरायली नीति में बदलाव नहीं...

यरुसलम, आइएएनएस। सीरिया से अमेरिकी सेना वापस बुलाने के डोनाल्‍ड ट्रंप के फैसले पर सब हैरान हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अमेरिका के सीरिया से सेना वापस बुलाने के फैसले के बावजूद उनकी सरकार वहां (सीरिया) संघर्ष के संबंध में अपनी मौजूदा नीति बनाए रखेगी। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, व्हाइट हाउस के यह कहने के बाद कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, नेतन्याहू ने रविवार को यह टिप्पणी की।

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नेतन्याहू ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक की शुरुआत में कहा, 'अमेरिका के 2,000 अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले से हमारी नीति में बदलाव नहीं होगा। हम सीरिया में ईरान के पैठ बनाने के प्रयासों के खिलाफ काम करना जारी रखेंगे और जरूरत पड़ने पर अपनी गतिविधियां बढ़ाएंगे।'

नेतन्याहू ने कहा, 'मैं उन लोगों को आश्वस्त करना चाहूंगा जो चिंतित हैं। अमेरिका के साथ हमारा सहयोग ऑपरेशन, खुफिया और सुरक्षा संबंधी कई क्षेत्रों में जारी रहेगा।'

बता दें कि ट्रंप के इस फैसले का विरोध अमेरिका में भी हो रहा है। ट्रंप के इस फैसले के विरोध में अमेरिकी रक्षा जिम मैटिस ने भी अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलान किया है कि जिम मैटिस के स्थान पर पैट्रिक शानान कार्यवाहक रक्षा मंत्री का पद संभालेंगे। मैटिस (68) ने ट्रंप के साथ भेदभाव का संकेत देते हुए बीते शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें फरवरी अंत तक इस पद पर रहने को कहा गया था, लेकिन अब वह एक जनवरी को यह पद छोड़ देंगे।

वहीं ट्रंप ने सीरिया से सेना हटाने के अपने फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा, 'हम वहां केवल तीन महीने के लिए सेना भेजने वाले थे। अब सात साल हो गए हैं। जब मैं राष्ट्रपति बना था तब आइएस उग्र था। अब यह आतंकी संगठन काफी हद तक हार चुका है। अब तुर्की समेत आसपास के अन्य देश बचे हुए आतंकियों से निपटने में सक्षम हैं। हम वहां से वापस आ रहे हैं।' सीरिया में सिविल वार की शुरुआत 2011 में हुई थी। अमेरिका ने सितंबर, 2014 में हवाई हमले शुरू किए थे और 2015 में वहां सेना भेजी थी।


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