पहली बार मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने मनाई गांधी जयंती, कहा- प्रसारित किया जाना चाहिए अहिंसा का संदेश
इतिहास में पहली बार सऊदी अरब के मक्का स्थित मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने अहिंसा के दर्शन को मानने वाले महात्मा गांधी की सराहना करते हुए पहली बार उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुस्लिम लीग ने कहा कि इस दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहिंसा का संदेश प्रसारित किया जाना चाहिए।
रियाद, एएनआइ। इतिहास में पहली बार सऊदी अरब के मक्का स्थित मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने महात्मा गांधी को उनकी 153वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। अहिंसा के दर्शन को मानने वाले महात्मा गांधी की सराहना करते हुए मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने पहली बार उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि इस दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहिंसा का संदेश प्रसारित किया जाना चाहिए। सऊदी अरब के मक्का से बाहर स्थित मुस्लिम वर्ल्ड लीग एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी इस्लामिक संगठन है।
लिखा यह संदेश
मक्का को हजरत मुहम्मद का जन्मस्थान माना जाता है और यहीं इस्लाम का सबसे पवित्र स्थान काबा है। 'बापू' की जयंती पर इस संगठन की शुभकामना से मुस्लिम और अरब विश्व के साथ भारत के संबंधों की मजबूती रेखांकित होती है। मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने ट्वीट किया, 'आज दो अक्टूबर को हम गांधी जयंती के रूप में मना रहे हैं। यह एक दूरदर्शी, स्वतंत्रता सेनानी और अहिंसा के अनुयायी महात्मा गांधी के जीवन को याद करने के लिए मनाया जा रहा है। आज अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी है।'
संयुक्त राष्ट्र में पहली बार आदमकद 'अवतार'
वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधी का संयुक्त राष्ट्र में पहली बार आदमकद 'अवतार' देखने को मिला। मौका था अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस का जिसमें बापू का विशेष आदमकद होलोग्राम पेश किया गया और वैश्विक संस्था में शिक्षा पर उनका संदेश साझा किया गया। दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस का उद्देश्य बताया
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन और यूनेस्को महात्मा गांधी शांति एवं सतत विकास शिक्षा संस्थान (एमजीआइईपी) द्वारा शुक्रवार को ही संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया गया। इस मौके पर आयोजित चर्चा के दौरान महात्मा गांधी का विशेष आदमकद होलोग्राम पेश किया गया। होलोग्राम एक थ्री डी लेजर इमेज होती है। इसमें स्याह पृष्ठभूमि में लेजर किरणों के जरिये जैसी चाहे वैसी तस्वीर पेश की जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस का उद्देश्य 'शिक्षा एवं जन जागरूकता के जरिये अहिंसा के संदेश को फैलाना है।'
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