श्रीलंका आतंकी हमले की आंखों देखी कहानी सुन कांप उठेगी रूह, पढ़ें मुंबई के दंपति ने क्या कहा
नवरूप ने बताया कि होटल के हालात देख कर यकीन ही नहीं हुआ कि क्या कुछ घट गया। एंबुलेंस के आने और शव को ले जाते देख उन्हें भरोसा ही नहीं हो रहा था कि हकीकत में ऐसा कुछ हुआ है।
दुबई, प्रेट्र/आइएएनएस। ईस्टर के दिन श्रीलंका के चर्च और होटलों में हुए धमाकों में सौभाग्य से जिंदा बच गए लोग आज भी उस खूनी मंजर को याद कर सिहर उठते हैं। ऐसे ही लोगों में दुबई में रहने वाला एक भारतीय दंपती भी है, जो श्रीलंका के पांच सितारा होटल सिनामन ग्रैंड में ठहरा था। दंपती ने बताया कि होटल में हर तरफ खून के छींटे पड़े थे, ऐसा लग रहा था जैसे किसी फिल्म का सीन हो। इस आतंकी हमले में 253 लोग मारे गए हैं और 500 से ज्यादा घायल हुए हैं। मरने वालों में कई भारतीय भी हैं।
दुबई में पैदा हुए और पले बढ़े अभिनव चारी वहीं के एक स्वास्थ्य बीमा कंपनी में मैनेजर हैं। बिजनेस के सिलसिले में वह अपनी पत्नी नवरूप के साथ श्रीलंका गए थे। दोनों सिनामन ग्रैंड होटल में ठहरे थे। आइएस के आंतकियों ने जिन तीन होटलों को निशाना बनाया था, उसमें सिनामन ग्रैंड होटल भी शामिल था।
उस दिन को याद करते हुए चारी ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ ईस्टर पर एक चर्च में प्रार्थना करने गए थे। बीच में ही पादरी ने सभी लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से चर्च से जाने को कहा। कुछ बताया नहीं गया। बाहर निकलकर उन लोगों ने ब्रेकफास्ट करना चाहा, लेकिन सड़क पर अफरा-तफरी देखकर उन लोगों ने अपने होटल लौटने का फैसला किया।
होटल पहुंचने पर उन लोगों ने सभी लोगों को लॉन में देखा। पहले तो उन्हें लगा कि कुछ सिक्योरिटी प्रोटोकाल का मसला होगा। लेकिन जब होटल में पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर उनकी रूह कांप गई। हर तरफ खून के छींटे नजर आ रहे थे। ऐसा लग रहा था उनके सामने किसी फिल्म का सीन आ गया हो।
नवरूप ने बताया कि होटल के हालात देख कर उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि उनके सामने क्या कुछ घट गया। एंबुलेंस के आने और शव को ले जाते देख उन्हें भरोसा ही नहीं हो रहा था कि हकीकत में ऐसा कुछ हुआ है। उन्हें लग रहा था जैसे किसी फिल्म का सीन उनके सामने चल रहा हो।
गल्फ न्यूज के साथ बातचीत में अभिनव चारी ने बताया कि वह सिर्फ दो बार ही संयुक्त अरब अमीरात से बाहर गए हैं और दुर्भाग्य से दोनों ही बार उन्हें दिल को दहला देने वाली घटनाओं से सामना हुआ है। पहली बार वह 2008 में मेडिसिन की पढ़ाई करने के लिए मुंबई गए थे। तब वहां आतंकियों ने एक साथ 12 जगहों पर भारी रक्तपात मचाया था। उन्होंने कहा कि मुंबई में वो पांच-छह दिन बहुत ही भयानक थे। दूसरी बार श्रीलंका गए थे, जहां ईस्टर के दिन धमाकों से पूरा देश दहल गया।