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संकट में मालदीव: राष्‍ट्रपति ने SC का आदेश मानने से किया इंकार, एलर्ट पर सेना

आशंका है कि आदेश का पालन नहीं करने से नाराज सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने का प्रयास कर सकता है। ऐसे में सेना को अलर्ट कर दिया है।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 11:50 AM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 02:45 PM (IST)
संकट में मालदीव: राष्‍ट्रपति ने SC का आदेश मानने से किया इंकार, एलर्ट पर सेना
संकट में मालदीव: राष्‍ट्रपति ने SC का आदेश मानने से किया इंकार, एलर्ट पर सेना

दुबई, एएनआइ। मालदीव में राजनीतिक संकट तेजी से गहराता जा रहा है। देश में लोकतंत्र और नागरिक प्रशासन को बड़ा झटका देते हुए राष्‍ट्रपति अब्‍दुल्‍ला यामीन ने सेना को सतर्क कर दिया है और विपक्षी नेताओं की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इंकार कर दिया है। इसके बाद हजारों की संख्‍या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। आशंका है कि आदेश का पालन नहीं करने से नाराज सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने का प्रयास कर सकता है। इसको लेकर उन्‍होंने सेना को एलर्ट कर दिया है।

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इससे पहले रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार के लिए दायर की गई सरकार की याचिका खारिज कर दी थी। चीफ जस्टिस ने अपने आदेश में कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानना ही होगा। इसके बाद पुनर्विचार किया जा सकता है। अब इसको लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए हैं। चीफ जस्टिस ने जान की धमकियां मिलने का आरोप भी लगाया है। विपक्ष ने राष्‍ट्रपति पर चीफ जस्टिस और अन्‍य जजों को धमकाने का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। फिलहाल चीफ जस्टिस व अन्‍य जजों ने सुप्रीम कोर्ट में ही शरण ले रखी है और रात में वहीं रह रहे हैं।

अटॉर्नी जनरल मोहम्मद अनिल ने राष्‍ट्रपति यामीन पर महाभियोग चलाए जाने की आशंका जताई है। हालांकि उन्‍होंने पुलिस और सेना से यामीन को महाभियोग लगा कर अपदस्थ करने या गिरफ्तार करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नहीं मानने को कहा है। अटॉर्नी जनरल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनकी सूचना के अनुसार सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने या पद से हटाने का फैसला सुना सकता है। ऐसा कोई भी कदम संविधान के खिलाफ और गैरकानूनी होगा। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर संकट उत्पन्न हो सकता है।

वहीं राष्ट्रपति यामीन ने अपनी एक पार्टी रैली में कहा है कि वह समय से पहले राष्ट्रपति चुनाव कराना चाहते हैं, ताकि मतदाता यह फैसला करें कि वे क्या चाहते हैं। उनका कार्यकाल अगले साल नवंबर तक है। विपक्ष का आरोप है कि वह गैर कानूनी रूप से सरकार चला रहे हैं।


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