फिर गृह युद्ध के मुहाने पर लीबिया, बागी जनरल की फौज का राजधानी त्रिपोली की ओर धावा
आरोप है कि लीबिया के बागी जनरल खलीफा हफ्तार को मिस्र और सऊदी अरब के अलावा रूस से भी मिल रही है मदद।
लंदन, एजेंसी। पिछले आठ साल से अस्थिरता की आग में झुलस रहे उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया पर फिर गृह युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर इस देश के बागी जनरल खलीफा हफ्तार अपनी सेना के साथ राजधानी त्रिपोली की ओर बढ़ रहे हैं। पश्चिमी देशों का आरोप है कि जनरल हफ्तार को सऊदी अरब और मिस्र के अलावा रूस से भी मदद मिल रही है। हालांकि रूस ने इस आरोप से इन्कार किया है।
आठ साल से अस्थिर है लीबिया
वर्ष 2011 में लीबिया के तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की अमेरिकी हमले में मौत के बाद से ही यह देश स्थिरता के लिए तरस रहा है। राजधानी त्रिपोली में संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका समर्थित सरकार है लेकिन देश के पूर्वी हिस्से पर जनरल खलीफा हफ्तार की लीबियन नेशनल आर्मी का कब्जा है और अब वह प्रधानमंत्री फयाज अल सिराज की सरकार को चुनौती दे रहे हैं। सरकार के नियंत्रण वाली फौज ने कहा है कि जनरल खलीफा हफ्तार का डटकर मुकाबला किया जाएगा। इसके मद्देनजर लीबिया में गृह युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ती जा रही है।
बागियों ने किया शहर पर कब्जा
बृहस्पतिवार को जनरल हफ्तार की फौजों ने राजधानी त्रिपोली से 50 मील दक्षिण में गरयान शहर पर कब्जा कर लिया है। कब्जे से पहले जनरल हफ्तार की फौज और सरकारी सेना के बीच जमकर लड़ाई हुई। इसके बाद बागी जनरल ने अपनी फौज को त्रिपोली की ओर बढ़ने का हुक्म दे दिया है। एक ऑडियो संदेश में उन्होंने एलान किया है कि हम त्रिपोली पहुंच रहे हैं।
सरकारी सेना भी मुकाबले को तैयार
जनरल हफ्तार के प्रवक्ता अहमद अल मेसमारी ने कहा है कि उनकी सेना का अगला पड़ाव अल-अजीजिया शहर होगा जिसे त्रिपोली का प्रवेश द्वार कहा जाता है। उधर, प्रधानमंत्री सिराज की सेना ने कहा है कि वह हफ्तार का मुकाबला करने के लिए तैयार है। इस बीच खबर है कि जनरल हफ्तार की फौज से मुकाबला करने के लिए सरकारी सेना ने तटीय शहर मिसराता में तैनात मशीन गन से लैस पिकअप ट्रकों को त्रिपोली पहुंचा दिया है।
सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने लीबिया की सरकार और बागी जनरल हफ्तार को संयम बरतने की अपील की है। जर्मनी ने इस संकट का हल ढूंढने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है। इस बीच, सबकी नजरें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस और जनरल हफ्तार की शुक्रवार को होने वाली वार्ता पर टिकी हुई हैं। गुतेरस की कोशिश है कि जनरल हफ्तार को इस महीने के अंत में होने वाले सम्मेलन के लिए मना लिया जाए जिसमें लीबिया के भविष्य पर आम सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा। बता दें कि 2011 में लीबिया के तानाशाह कर्नल मुअम्मर गद्दाफी के पतन के बाद से इस देश में सत्ता संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश में छिड़े ताजा संघर्ष को सऊदी अरब और मिस्र की मदद मिल रही है। आरोप है कि रूस भी जनरल हफ्तार के साथ है, लेकिन रूस ने इससे साफ इन्कार किया है।