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जानें, क्राउन प्रिंस के मुखर आलोचक खशोगी की कब, कहां और कैसे हुई थी निर्मम हत्या

खशोगी दो अक्टूबर 2018 को अपनी शादी के संबंध में कुछ दस्तावेज लेने के लिए सऊदी दूतावास में गए थे। यहीं पर सऊदी एजेंटों ने उनकी हत्या कर दी थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 06:03 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 06:03 PM (IST)
जानें, क्राउन प्रिंस के मुखर आलोचक खशोगी की कब, कहां और कैसे हुई थी निर्मम हत्या
जानें, क्राउन प्रिंस के मुखर आलोचक खशोगी की कब, कहां और कैसे हुई थी निर्मम हत्या

दुबई, एपी। अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के दिवंगत पत्रकार जमाल खशोगी के बेटों ने अपने पिता के कातिलों को माफ कर दिया है। उनकी माफी से सऊदी अरब के पांच सरकारी एजेंटों की मौत की सजा पर कानूनी तौर पर रोक लग गई है। अक्टूबर 2018 में तुर्की के इस्तांबुल शहर में सऊदी अरब के दूतावास में खशोगाी की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या को लेकर सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान पर भी अंगुली उठी थी।

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बड़े बेटे ने कहा- हम शहीद जमाल खशोगी के पुत्र अपने पिता के हत्यारों को माफ करते हैं

सऊदी पत्रकार के सबसे बड़े बेटे सलाह ने शुक्रवार को ट्वीट में कहा, 'हम शहीद जमाल खशोगी के पुत्र अपने पिता के हत्यारों को माफ करते हैं, जिसका इनाम हमें अल्लाह से मिलेगा।' सऊदी अरब में रहने वाले सलाह खशोगी को अपने पिता की हत्या के मामले में शाही अदालत से वित्तीय मुआवजा भी मिल चुका है।

माफी मिलने का यह मतलब नहीं कि उनको कोई सजा नहीं मिलेगी

उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के पवित्र रमजान माह के दौरान कातिलों को माफी दी गई है। यह पहले से माना जा रहा था कि इस तरह का एलान हो सकता है, क्योंकि अदालत ने गत दिसंबर में फैसले का एलान करते समय माफी का रास्ता खुला रखा था। अरब न्यूज ने खशोगी के बेटों की घोषणा पर स्पष्ट किया कि माफी मिलने से हत्यारे मौत की सजा से बच सकते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उनको कोई सजा नहीं मिलेगी।

11 लोगों पर चला था मुकदमा

खशोगी हत्याकांड में शाही अदालत में 11 लोगों पर मुकदमा चला था। गत दिसंबर में अदालत ने पांच लोगों को मौत की सजा सुनाई थी। तीन को अपराध छुपाने के जुर्म में 24 साल जेल की सजा दी थी। बाकी को बरी कर दिया था, जो क्राउन प्रिंस के करीबी बताए जाते हैं।

क्राउन प्रिंस के मुखर आलोचक थे खशोगी

59 वर्षीय खशोगी दो अक्टूबर 2018 को अपनी शादी के संबंध में कुछ दस्तावेज लेने के लिए सऊदी दूतावास में गए थे। यहीं पर सऊदी एजेंटों ने उनकी हत्या कर दी थी। उनका शव भी बरामद नहीं हुआ था। उनकी हत्या की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की गई थी। इस हत्याकांड में क्राउन प्रिंस सलमान की भूमिका को लेकर सवाल उठे थे। खशोगी उनके मुखर आलोचक माने जाते थे। वह अमेरिका में रहते थे।


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