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अमेरिका तालिबान से वार्ता में अफगानिस्तान से गठबंधन सेनाओं की सुरक्षित वापसी चाहता है

तालिबान से वार्ता में अमेरिका अफगानिस्तान से गठबंधन सेनाओं की सुरक्षित वापसी के साथ ही अफगान धरती को किसी आतंकी संगठन की पनाह मिलते नहीं देखना चाहता।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 11:09 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 01:41 AM (IST)
अमेरिका तालिबान से वार्ता में अफगानिस्तान से गठबंधन सेनाओं की सुरक्षित वापसी चाहता है
अमेरिका तालिबान से वार्ता में अफगानिस्तान से गठबंधन सेनाओं की सुरक्षित वापसी चाहता है

काबुल, एपी। अफगानिस्तान पर अमेरिका के शीर्ष वार्ताकार जल्मे खलीलजाद ने काबुल पहुंचकर अफगान नेताओं को तालिबान के साथ समझौते का प्रस्तावित मसौदा दिखाया है और उनसे समर्थन मांगा है। कतर में तालिबान के साथ नौ दौर की वार्ता पूरी कर खलीलजाद रविवार शाम काबुल पहुंचे थे। यहां उन्होंने दो बार राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की और उन्हें समझौते के बिंदुओं को बताया।

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गठबंधन फौज की अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी होगी

समझौते के तहत अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन फौज की अफगानिस्तान से सुरक्षित वापसी होगी और अमेरिका 18 साल के सबसे लंबे युद्ध से बाहर निकलेगा।

राष्ट्रपति गनी के सलाहकार वहीद उमर ने ट्वीट के जरिये राष्ट्रपति से खलीलजाद की मुलाकात की जानकारी दी है। अमेरिका और तालिबान के बीच चल रही वार्ता में अफगानिस्तान सरकार शामिल नहीं है। इस बीच कुंदूज और अन्य उत्तरी इलाकों में हिंसा जारी है।

सोमवार को कुंदूज में पुलिस चेकपोस्ट पर आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। इस हमले में दो पुलिस अधिकारी मारे गए और सात घायल हुए। माना जा रहा है कि बीते 18 साल में तालिबान इस समय सबसे ज्यादा मजबूत स्थिति में है और इसी के चलते उसके प्रतिनिधि सामने बैठकर अमेरिका से वार्ता कर रहे हैं।

तालिबान का अफगान के आधे भूभाग पर कब्जा

अत्याधुनिक हथियारों से लैस अमेरिकी सेना की लगातार कारवाई के बावजूद तालिबान का अफगानिस्तान के आधे भूभाग पर कब्जा कायम है। अफगानिस्तान में मौजूद करीब 20 हजार नाटो सैनिकों के हटने के बाद वहां के हालात क्या होंगे, यह सोचना ज्यादा मुश्किल नहीं है।

कतर वार्ता

कतर में हो रही वार्ता में शामिल तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने कहा है कि हम अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

गठबंधन सेनाओं की सुरक्षित वापसी

तालिबान से वार्ता में अमेरिका अफगानिस्तान से गठबंधन सेनाओं की सुरक्षित वापसी के साथ ही अफगान धरती को किसी आतंकी संगठन की पनाह मिलते नहीं देखना चाहता। इससे अमेरिका और उसके सहयोगी देश सुरक्षित रह सकेंगे। 


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