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बेटों ने की पत्रकार जमाल खशोगी के शव की अपील, चाहते हैं सऊदी में दफनाना

तुर्की पुलिस का कहना है कि उनके पास जो साक्ष्‍य हैं, इससे यह पता चलता है कि ख़शोगी की सऊदी अरब के एजेंट्स की एक टीम ने हत्या की है।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 10:31 AM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 10:31 AM (IST)
बेटों ने की पत्रकार जमाल खशोगी के शव की अपील, चाहते हैं सऊदी में दफनाना
बेटों ने की पत्रकार जमाल खशोगी के शव की अपील, चाहते हैं सऊदी में दफनाना

वाशिंगटन, एएनआइ। सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी के बेटों ने रविवार को अपने पिता के पार्थिव शरीर की वापसी के लिए अपील की है। उन्‍होंने कहा है कि वे पिता के शरीर को सऊदी अरब में दफनाना चाहते हैं। सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की इस्तांबुल वाणिज्य दूतावास में हत्या की बात आखिरकार तुर्की ने कबूल कर लिया है। लेकिन सवाल यह है कि अगर हत्‍या हुई तो खशोगी का शव कहां गया, जिसकी मांग अब उनके बेटे कर रहे हैं।

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सीएनएन को दिए एक इंटरव्‍यू में सलाह और अब्दुल्ला खशोगी ने कहा गया कि उनके पिता के शरीर के बिना, उनका परिवार शोक करने में असमर्थ है और अपने पिता की मौत के भावनात्मक बोझ से निपटने में असमर्थ है। सलह खशोगगी ने कहा, 'यह सामान्य स्थिति नहीं है, यह सामान्य मौत नहीं है। हम पिता के शरीर को अपने परिवार के बाकी सदस्‍यों के साथ मदीना (सऊदी अरब) में अल-बाकी (कब्रिस्तान) में दफनाना चाहते है। मैंने सऊदी अधिकारियों के साथ इस बारे में बात की और मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही होगा।'

तुर्की पुलिस का कहना है कि उनके पास जो साक्ष्‍य हैं, इससे यह पता चलता है कि ख़शोगी की सऊदी अरब के एजेंट्स की एक टीम ने हत्या की है। पत्रकार जमाल खशोगी का जन्‍म 1958 में मदीना में हुआ था, जबकि उनका ख़ानदान तुर्की मूल का है। हालांकि दो पीढ़ियों से उनका खानदान सऊदी अरब में ही रह रहा था। उस वक्‍त सऊदी अरब में तेल की दौलत नहीं थी। हालांकि, बीते एक साल से खशोगी अमरीका में रह रहे थे। खशोगी अमरीकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट के लिए नियमित कॉलम लिखते थे। वह अपनी मंगेतर हदीजे जेनगीज़ से निकाह रचाने के लिए कुछ ज़रूरी पेपरवर्क के लिए दो अक्टूबर को तुर्की स्थित सऊदी दूतावास इस्तांबुल गए थे। उनकी हत्‍या यहीं पर हुई।

सऊदी अरब के मौजूदा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की निंदा करने वाले जमाल खशोगी को अक्‍सर धमकियां मिलती थी। इन धमकियों के कारण पिछले साल उन्‍होंने सऊदी अरब छोड़ दिया था। सऊदी अरब के अधिकारी उन्हें क्रांउन प्रिंस की नीतियों की निंदा करने के चलते धमका रहे थे।


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