संबंधों को नई मजबूती देने जयशंकर पहुंचे इजरायल, नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की होगी कोशिश
इजरायल की धरती पर कदम रखते ही जयशंकर ने ट्वीट किया- शलोम इजरायल..दौरे को सफलता की संभावना देख रहा हूं। जयशंकर अपने दौरे में इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग प्रधानमंत्री नाफ्ताली बेनेट और विदेश मंत्री याइर लैपिड से मुलाकात करेंगे।
तेल अवीव, प्रेट्र। विदेश मंत्री के रूप में पहली बार इजरायल पहुंचे एस जयशंकर ने दोनों देशों के संबंधों का विकास नए क्षेत्रों में होने और रणनीतिक सहयोग और मजबूत होने का भरोसा जताया है। जयशंकर पांच दिनों की सरकारी यात्रा पर रविवार को तेल अवीव पहुंचे हैं। इस दौरान वह इजरायल के राजनीतिक नेतृत्व से वार्ता करेंगे और द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
इजरायल की धरती पर कदम रखते ही जयशंकर ने ट्वीट किया- शलोम इजरायल..दौरे को सफलता की संभावना देख रहा हूं। जयशंकर अपने दौरे में इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग, प्रधानमंत्री नाफ्ताली बेनेट और विदेश मंत्री याइर लैपिड से मुलाकात करेंगे। भारतीय विदेश मंत्री की इजरायल के शिक्षा जगत, व्यापार जगत और भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात होगी। वह इजरायल के ऐतिहासिक स्थलों पर भी जाएंगे।
जयशंकर प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान इलाके के लोगों की जान बचाने में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में यरुशलम में बने स्मारक पर जाकर श्रद्धा सुमन भी अर्पित करेंगे। इजरायल के यरुशलम, रामले और हायफा शहरों में शहीद हुए 900 भारतीय सैनिकों की याद में स्मारक बने हैं। बीते दो दशकों में इजरायल ने भारतीयों की इस शहादत को शिद्दत से याद किया है और हायफा की आजादी की लड़ाई को अपने इतिहास में प्रमुख स्थान दिया है। हायफा को आजाद कराने में ही भारतीयों ने अपनी जान गंवाई थी।
भारतीय सेना अपने इन वीर जवानों की याद में हर साल 23 सितंबर को हायफा दिवस मनाती है। शहीद जवान मैसूर, हैदराबाद और जोधपुर लांसर्स रेजीमेंटों से थे। 2018 में इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली के तीन मूर्ति चौक का नाम तीन मूर्ति हायफा चौक किया गया था।
कोरोना महामारी के खिलाफ दोनों देश एक दूसरे की कर रहे मदद
गौरतलब है कि इजरायल की रक्षा उपकरण निर्माता कंपनियां भारत की मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत निवेश करने के मामले में सबसे आगे हैं। दोनों देश एक दूसरे को रणनीतिक साझेदार मानते हैं और कोरोना महामारी के खिलाफ भी एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। दोनों देशों के वैज्ञानिकों के बीच कोरोना जैसी दूसरी महामारी के लिए टीका बनाने को लेकर भी सहयोग चल रहा है।