एक बड़ा बदलाव: 'मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं सोचा था कि यहां पर गाड़ी चला पाऊंगी'
सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आधी रात का समय है। सड़कों पर कहीं नवविवाहित जोड़े, तो कहीं युवा लड़कियां और अन्य लोग हाथों में गुब्बारे लेकर खड़े हैं।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आधी रात का समय था। सड़कों पर कहीं नवविवाहित जोड़े, तो कहीं युवा लड़कियां और अन्य लोग हाथों में गुब्बारे लेकर खड़े थे वे लोग समर अलमोगरन की कार रोककर या फिर थम्स अप का निशान बनाकर उन्हें बधाई दे रहे हैं। भीड़ भरी सड़कों से समर अपने लिए रास्ता बना रही थी। इसकी वजह थी कि जिस शहर में वह पैदा हुईं और पली-बढ़ीं आखिरकार उस शहर में उनको कार चलाने की इजाजत मिल गई थी अब न सिर्फ वो बल्कि उन जैसी कई दूसरी महिलाएं भी सड़क पर कार चलाने का अपना सपना साकार कर सकती थीं। सऊदी अरब ने अपने कानून में ऐतिहासिक सुधार करते हुए महिलाओं के वाहन चलाने पर लगे प्रतिबंध को 24 जून से समाप्त कर दिया। यह दुनिया का आखिरी देश था, जहां महिलाओं को ड्राइविंग सीट पर बैठने की इजाजत नहीं थी। सऊदी अरब की सभी महिलाओं को इस दिन का इंतजार था।
नहीं हुआ विश्वास
पेशे से टीवी एंकर समर तीन बच्चों की मां हैं। घड़ी में 12 बजते ही उन्होंने कार का अगला दरवाजा खोला और ड्राइविंग सीट पर बैठ गईं। साथ में उनकी बेस्ट फ्रेंड भी थीं। उन्होंने जैसे ही गाड़ी चलानी शुरू की, पड़ोसियों को पहली नजर में विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने कार को रोककर अपना सामान उसके अगले हिस्से पर रख दिया और नजदीक जाकर गौर से देखने लगे। तब जाकर उन्हें विश्वास हुआ कि ड्राइविंग सीट पर कोई महिला ही बैठी है। कुछ देर तक चुपचाप कार चलाने के बाद समर की चुप्पी टूटती है। वह चांद को निहारती हैं और कहती हैं, ‘मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं सोचा था कि यहां पर गाड़ी चला पाऊंगी। अपने शहर में। इस सड़क पर। ऐसा कभी नहीं सोचा था।
कुछ यूं शुरू हुई मुहिम
सऊदी अरब में महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत देने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। 1990 में पहली बार इसके लिए मुहिम शुरू हुई थी। इसे कुचलने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए थे। इस मुहिम में शामिल महिलाओं को नौकरियों से निकाल दिया गया और उनके कहीं आने-जाने पर एक साल के लिए पाबंदी लगा दी गई। कट्टरपंथियों का कहना था कि महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत मिलने से उनका उत्पीड़न बढ़ेगा। हालांकि, रूढ़िवादी देश में उदारता और आधुनिकता लाने की शहजादे मुहम्मद बिन सलमान की कोशिशों के तहत अब यह प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया है। इस महीने की शुरुआत से ही महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का काम शुरू कर दिया गया था। इस कदम से कहीं आने-जाने के मामले में पुरुष वाहन चालकों या परिवार के पुरुष सदस्यों पर महिलाओं की निर्भरता कम होगी।
फ्रांस में भी जश्न
सऊदी अरब में वाहन चलाने के लिए महिलाओं को अनुमति देने का जश्न फ्रांस में सऊदी अरब की एक महिला ने फॉमरूला वन कार चलाकर मनाया। नेशनल मोटरस्पोर्ट फेडरेशन की पहली महिला सदस्य असील अल-हमद को यह मौका रेनो ने दिया। असील ने उसी कार को चलाया, जिसमें बैठकर किमी रैकोनेन ने वर्ष 2012 में अबू धाबी ग्रैंड प्रिक्स जीती थी।
गौरतलब है कि सऊदी अरब ने पिछले कुछ समय में जिस तरह के फैसले महिलाओं के हक के लिए हैं वह न सिर्फ तारीफ के काबिल हैं बल्कि उस समाज के लिए एक सबक और आइना भी हैं जहां पर महिलाओं के पैरों में ब बंदिशों की बेडि़या डाल दी जाती हैं।
कुछ मिला, बहुत कुछ पाना बाकी...
पहली बार किसी महिला को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया गया है। यहां के 32 वर्षीय क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान देश को आधुनिक बनाने के लिए ‘विजन 2030’ के तहत महिलाओं को हर मोर्चे पर आगे लाने की पहल कर रहे हैं। महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। इसे दोयम दर्जे की जिंदगी जी रही वहां की महिलाओं के लिए अहम माना जा रहा है। हालांकि, अभी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां महिलाओं को ‘आजादी’ मिलना बाकी है।
बदल रहा देश
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान देश में कई बड़े बदलाव ला रहे हैं। पिछले साल वहां मनोरंजन के लिए कंसर्ट और कॉमिक कॉन का आयोजन किया गया। 35 साल बाद अप्रैल में वहां फिल्म थिएटर खुला। जल्द ही यात्री वीजा जारी करने की योजना है।
जारी हैं पाबंदियां
यहां महिलाएं रेस्टोरेंट में पुरुष मित्र के साथ नहीं जा सकती हैं। अगर जाती भी हैं तो उन्हें अलग ही बैठना होता है।महिलाएं सार्वजनिक पूल का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं। उन्हें केवल निजी पूल अथवा महिलाओं के लिए बनाए गए पूल, जिम या स्पा का प्रयोग करने की अनुमति है। शॉपिंग कॉम्पलेक्स में ट्रायल रूम के अंदर भी नई ड्रेस आजमाने पर पाबंदी है।
संरक्षक की अनुमति जरूरी
बैंक में खाता खोलने, पासपोर्ट हासिल करने, यात्रा करने, विवाह या तलाक का फैसला लेने या किसी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए महिलाओं को अपने आधिकारिक संरक्षक की अनुमति लेनी होती है।
क्या है संरक्षक व्यवस्था
सऊदी में महिलाओं का आधिकारिक संरक्षक होना जरूरी है। यह संरक्षक उनका भाई, पति, बेटा या पिता कोई भी हो सकता है। यही पुरुष उनके अहम फैसले लेता है। उसकी अनुमति के बिना वह देश की नागरिक होते हुए भी कई अधिकारों से वंचित हो जाती हैं।