खाड़ी देशों के साथ संबंध सामान्य करने में जुटे इजरायली पीएम नेतन्याहू, क्राउन प्रिंस से की मुलाकात
इजरायल के शिक्षा मंत्री और सुरक्षा मसलों पर कैबिनेट समिति के सदस्य योएव गैलेंट ने सोमवार को नेतन्याहू के दौरे की पुष्टि करते हुए इसे अद्भुत उपलब्धि करार दिया है। इससे पहले इजरायली आर्मी रेडियो और केन रेडियो ने नेतन्याहू के गोपनीय दौरे की जानकारी दी थी।
यरुशलम, रायटर। खाड़ी देशों के साथ संबंध सामान्य करने के प्रयास में जुटे इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गोपनीय दौरे पर रविवार को सऊदी अरब के निओम शहर पहुंचे। यहां उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से मुलाकात की। किसी इजरायली नेता की यह पहली सऊदी यात्रा है। इस मुलाकात से क्षेत्रीय समीकरण में बड़ा बदलाव आ सकता है। यह कवायद ईरान को घेरने के लिए हो रही है, क्योंकि क्षेत्रीय स्तर पर इसे बड़ा खतरा माना जा रहा है। हालांकि सऊदी पारंपरिक तौर पर फलस्तीन हितों का समर्थक है और इसे लेकर उसने इजरायल के साथ अपने सभी आधिकारिक संपर्क तोड़ रखे हैं। लेकिन इस खाड़ी देश ने उस समय संबंध सामान्य करने के संकेत दिए थे, जब गत अगस्त में इजरायली विमानों को अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने की इजाजत दी थी।
इजरायल के शिक्षा मंत्री और सुरक्षा मसलों पर कैबिनेट समिति के सदस्य योएव गैलेंट ने सोमवार को नेतन्याहू के दौरे की पुष्टि करते हुए इसे अद्भुत उपलब्धि करार दिया है। इससे पहले इजरायली आर्मी रेडियो और केन रेडियो ने नेतन्याहू के गोपनीय दौरे की जानकारी दी थी। हालांकि नेतन्याहू के दफ्तर और यरुशलम स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है। सऊदी मीडिया में भी नेतन्याहू के दौरे की कोई चर्चा नहीं है। नेतन्याहू का यह दौरा ऐसे समय हुआ, जब अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो भी इस खाड़ी देश की यात्रा पर रहे। इजरायली मीडिया में आई खबरों के अनुसार, नेतन्याहू के साथ खुफिया एजेंसी मोसाद के निदेशक जोसेफ कोहेन भी गए थे।
ट्रंप की अहम भूमिका
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खाड़ी देशों और इजरायल के बीच संबंध सामान्य करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उनकी ही मध्यस्थता से कुछ माह पहले संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए इजरायल के साथ समझौता किया था। यह माना जा रहा है कि इसी कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए पोंपियो ने सऊदी का दौरा किया।
पर सऊदी की यह है शर्त
सऊदी विदेश मंत्री ने गत शनिवार को कहा था कि उनका देश संबंधों को सामान्य करने का समर्थक है, लेकिन शर्त यह है कि इजरायल और फलस्तीन के बीच स्थायी शांति समझौता हो जाए। उन्होंने उस एक सवाल पर यह जवाब दिया था, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या इजरायल को लेकर सऊदी का रुख बदल गया है?
क्या हैं दौरे के मायने
नेतन्याहू के दौरे से इजरायल और सऊदी अरब के बीच संबंध सामान्य होने की राह खुल सकती है। ईरान पर अंकुश पाने की दिशा में अमेरिकी मुहिम में दोनों देश साथ आ सकते हैं। क्योंकि इन दोनों देशों के साथ ही कई खाड़ी देश भी ईरान को खतरा मानते हैं। हालांकि खाड़ी देशों में इस बात को लेकर असमंजस भी है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन क्या इन क्षेत्रीय नीतियों को जारी रखेंगे। ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था। जबकि बाइडन ने कहा है कि वह इस समझौते को बहाल करेंगे।