Move to Jagran APP

इजरायल की पुलिस ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर दूरसंचार भ्रष्टाचार के मामले में उठाए सवाल

इजरायल के राजनीतिक भविष्य पर भ्रष्टाचार के तीन मामलों में से एक केस भी भारी पडेगा। प्रधानमंत्री से जांच में पूछताछ दूसरी बार की गई थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 02:16 PM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2018 02:22 PM (IST)
इजरायल की पुलिस ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर दूरसंचार भ्रष्टाचार के मामले में उठाए सवाल
इजरायल की पुलिस ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर दूरसंचार भ्रष्टाचार के मामले में उठाए सवाल

जेरुसलेम [ रॉयटर्स ]। इजरायल पुलिस ने सोमवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी के साथ कथित तौर पर सौदेबाजी करने का सवाल उठाया। इज़राइल रेडियो ने कहा है कि   इजरायल के राजनीतिक भविष्य पर भ्रष्टाचार के इन मामलों का भारी असर पड़ेगा। प्रधानमंत्री से जांच में पूछताछ दूसरी बार की गई थी।

loksabha election banner

प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर कंपनी के मालिक के नियंत्रण वाली एक समाचार साइट पर अनुकूल कवरेज के बदले बीजेक टेलीकॉम इज़राइल को विनियामक लाभ देने का संदेह है। नेतन्याहू ने किसी भी गलत काम को नकार दिया और कहा कि अारोप वेवुनियाद हैं।

इज़राइली मीडिया ने कहा कि नेतन्याहू की पत्नी और बेटे से बेज़ेक के मालिक और उनके पति या पत्नी के साथ रिश्तों को लेकर टेलिकॉम जांच में अलग से सवाल किया जाएगा। वीडियो फुटेज ने दिखाया कि प्रधानमंत्री के जेरूसलम के आधिकारिक आवास के रास्ते में एक पुलिस कार खींच रही है। नेतन्याहू परिवार के लिए एक पुलिस प्रवक्ता और एक वकील ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बेज़ेक ने इसे गलत तरीके से इनकार किया है।

पुलिस ने मामले में आरोपों के बारे में अभी तक सिफारिश नहीं की है। नेतन्याहू के दो पूर्व विश्वासपात्र इस मामले में सरकारी गवाह न बनने के लिए सहमत हुए हैं। जिसमें एक हैं, संचार मंत्रालय के पूर्व महानिदेशक, श्लोमो फिल्बर एवं दूसरे हैं नेन्याहू के पूर्व प्रवक्ता नीर हेफ़ेज। इस निर्णय में महीनों लग सकते हैं।

दो अन्य मामलों में, जिसमें पुलिस ने पहले ही सिफारिश की है कि नेतन्याहू रिश्वतखोरी के आरोपी हैं, इस मामले में अंतिम निर्णय इजरायल के अटॉर्नी जनरल को करना है। इस निर्णय में महीनों लग सकते हैं।

पहले मामले की जांच में, 1000 के रूप में दर्ज केस में, नेतन्याहू पर धनी व्यापारियों से उपहार लेने को लेकर रिश्वतखोरी का संदेह है, जिसमें पुलिस का कहना है कि यह उपहार लगभग 300,000 अमेरिकी डॉलर के मूल्य का था। दूसरा मामला 2000 के नाम से जाना जाता है, एक प्रतिद्वंद्वी दैनिक समाचार के संचलन को कम करने के उपायों की पेशकश करके, इजरायल के सबसे बड़े अखबार में सकारात्मक कवरेज जीतने के लिए एक कथित साजिश से जुड़ा है।

अभी तक, नेतन्याहू के गठबंधन के भागीदार उनके साथ खड़े हुए हैं, कह रहे हैं कि वे अटॉर्नी जनरल की अगली चाल का इंतजार कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि अगर इस तरह का समर्थन गिर सकता है, तो नेतन्याहू के खिलाफ जांच तेज हो जाएगी।

नेतन्याहू अभियान के दौरान कानूनी कार्यवाही को रोकने के लिए और उसके पीछे उनके दाएं विंग पावर बेस की रैली करने की कोशिश करने के लिए आकस्मिक चुनाव करवा सकते हैं। हाल के चुनाव नेनेट्याहू के लिकुड को नेसेट में अन्य गुटों के आगे दिखाया गया है।

हालांकि, सर्वेक्षणों से यह भी पता चलता है कि इजरायल के लगभग आधे लोग मानते हैं कि नेतन्याहू पर पुलिस केस को लेकर उनको पद छोड़ देना चाहिए। एक तिहाई लोग मानते हैं कि नेतन्याहू को पद पर बने रहना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.