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अफगानिस्तान में अमेरिका के लिए चुनौती बन रहा IS, दूरदराज इलाकों में आतंकियों से जूझ रहे सैनिक

अफगानिस्तान में वर्षो से तालिबान से जूझ रहे अमेरिका के लिए अब आतंकी संगठन आइएस चुनौती बनता जा रहा है। यहां के दूरदराज वाले इलाकों में आइएस आतंकियों से अमेरिकी सैनिक जूझ रहे हैं।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 05:53 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 05:53 PM (IST)
अफगानिस्तान में अमेरिका के लिए चुनौती बन रहा IS, दूरदराज इलाकों में आतंकियों से जूझ रहे सैनिक
अफगानिस्तान में अमेरिका के लिए चुनौती बन रहा IS, दूरदराज इलाकों में आतंकियों से जूझ रहे सैनिक

काबुल, एजेंसी अफगानिस्तान में वर्षो से तालिबान से जूझ रहे अमेरिका के लिए अब आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) चुनौती बनता जा रहा है। दो साल पहले अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के अधिकारियों ने कहा था कि अमेरिकी बल अफगानिस्तान के दूरदराज वाले इलाकों में पहुंच गए हैं और जल्द ही आइएस का सफाया कर दिया जाएगा,लेकिन हकीकत यह है कि पूर्वी अफगानिस्तान में अमेरिकी बल अब भी आइएस से जूझ रहे हैं।

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अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत नांगरहार में देह बाला गांव के पास की एक सैन्य चौकी पर पहुंचे न्यूयॉर्क टाइम्स के एक रिपोर्टर को अमेरिकी सैनिकों ने बर्फ से ढके पहाड़ को दिखाते हुए कहा कि इसकी घाटी से आइएस का इलाका शुरू होता है। यहां पर यह आतंकी संगठन बढ़ रहा है। इसे तस्करी और अन्य तरीकों से धन मिल रहा है। अफगानिस्तान के इस पूर्वी हिस्से में आइएस के आतंकी हमले कर रहे हैं, जबकि अमेरिकी सेना सिर्फ उन्हें रोके रख सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी और अफगान बल इन पर दबाव बनाए रखने के लिए गश्त कर रहे हैं और छापे मार रहे हैं। इस इलाके में मौजूद आतंकियों के सफाये में मौसम भी आड़े आ रहा है।

अमेरिका-तालिबान में समझौता होने पर आइएस बढ़ा सकता है अपना प्रभाव
अमेरिका के छह मौजूदा और पूर्व अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि अमेरिका और तालिबान के बीच अगर कोई शांति समझौता हो जाता है तो आइएस अपना प्रभाव बढ़ा सकता है। अफगानिस्तान में 18 साल से जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए पिछले कुछ माह से अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता चल रही है। इन अधिकारियों ने यह चिंता भी जताई कि आइएस अफगानिस्तान की सीमा से बाहर भी आतंकी हमलों की साजिश रच रहा है।

2015 में हुआ उभार
अफगानिस्तान में आइएस आतंकियों का उभार 2015 में उस समय हुआ जब पाकिस्तान तालिबान के कुछ पूर्व आतंकियों ने आइएस सरगना अबू बकर अल-बगदादी के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई। इसके बाद पूरे अफगानिस्तान में इस आतंकी संगठन का फैलाव हो गया। आइएस का हालांकि अब सीरिया और इराक से सफाया हो गया है। अधिकारियों के अनुसार, अफगानिस्तान में करीब तीन हजार आइएस आतंकियों के होने का अनुमान है।

तालिबान से ज्यादा आइएस आतंकियों को भुगतान
अधिकारियों ने बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान के मुकाबले आइएस आतंकियों को हर माह ज्यादा भुगतान होता है। अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में आइएस आतंकियों को सैकड़ों डॉलर तक मिल रहे हैं।

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