ट्रंप के खिलाफ इराक ने खोला मोर्चा, संसद ने अमेरिकी सेना से कहा- देश से निकल जाओ
अपनी धरती पर अमेरिकी हमले में सुलेमानी की मौत से नाराज इराक की संसद ने एक विशेष सत्र बुलाकर अमेरिकी सेना को अपने यहां से हटाने का प्रस्ताव पास किया।
बगदाद, एजेंसियां। ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी (Qasem Soleimani) के मारे जाने के बाद खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए तनाव के बीच इराक की संसद (Iraq's parliament ) ने अमेरिकी फौज (US Troops) को देश से बाहर निकलाने का प्रस्ताव पास किया है। हालांकि, सरकार के लिए इस प्रस्ताव को मानना बाध्यकारी नहीं है।
इराक की धरती पर अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी कमांडर सुलेमानी के मारे जाने के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था। पारित प्रस्ताव में सरकार से आग्रह किया गया है कि वह अमेरिका के नेतृत्व में गठबंधन सेनाओं की सहायता लेने के लिए किए गए समझौते को रद करे।
सरकार के लिए कानून की तरह संसद से पास प्रस्ताव को मानना बाध्यकारी नहीं होता। लेकिन इस प्रस्ताव को सरकार द्वारा मान लेने की संभावना है, क्योंकि प्रधानमंत्री अदल अब्दुल मेहदी ने पहले ही कहा था कि संसद देश में विदेशी सेना की मौजूदगी खत्म करे। उन्होंने कहा, 'बावजूद इसके कि हम आंतरिक और बाह्य मोर्चे पर मुश्किलों का सामना कर सकते हैं, इराक के लिए सैद्धांतिक और व्यवहारिक रूप से यह अच्छा होगा।' मेहदी कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं। उनका स्थान लेने वाले प्रत्याशियों में आगे चल रहे हदी अल अमिरी ने भी अमेरिकी सैनिकों को वापस भेजने की मांग की है।
इराक में हैं 5 हजार अमेर्की सैनिक
बता दें कि इराक में इस समय लगभग पांच हजार अमेरिकी सैनिक हैं, जो मुख्य रूप से स्थानीय सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण देने और सलाहकार की भूमिका निभाते हैं। अमेरिका और ईरान के बीच दशकों पुरानी दुश्मनी है। इसके बावजूद इराक में ईरान समर्थित मिलिशिया आइएस के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी सेना का साथ दे रहे थे। लेकिन सुलेमानी की मौत के बाद इराक में हालात बदल गए हैं। उनके विरोधी भी अमेरिकी कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। उन्हें डर है कि इस घटना से कहीं उनका देश युद्ध का अखाड़ा न बन जाए।
परमाणु समझौते की एक और शर्त तोड़ेगा ईरान
ईरान ने कहा कि वह बहुपक्षीय परमाणु समझौते की एक और शर्त को तोड़ने पर फैसला जल्द करेगा। हालांकि, उसने यह नहीं कहा है कि यह शर्त कौन सी होगी। अमेरिका पहले ही इस समझौते से अलग हो चुका है और ईरान में कई प्रतिबंध लगाए हैं।