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परमाणु समझौते पर ईरान का बयान, अगर देशहित में नहीं है तो हम हटने को तैयार

कैबिनेट के साथ बैठक में खामनेई ने कहा, स्वाभाविक तौर पर अगर हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि यह अब हमारे हित में रहा है तो हमें इससे हट जाना चाहिए।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 10:04 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 12:23 AM (IST)
परमाणु समझौते पर ईरान का बयान, अगर देशहित में नहीं है तो हम हटने को तैयार
परमाणु समझौते पर ईरान का बयान, अगर देशहित में नहीं है तो हम हटने को तैयार

तेहरान, एएफपी। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई ने बुधवार को कहा कि परमाणु समझौता अगर देश हित में नहीं रहा है तो उनकी सरकार इससे हटने के लिए तैयार हो जाए। उन्होंने यह भी दोहराया कि इस मसले पर उनका देश अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के साथ कोई बातचीत नहीं करेगा। बता दें कि इस साल मई में अमेरिका इस समझौते से पीछे हट गया था। तभी से इस समझौते पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि बाकी देश समझौते पर कायम रहने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं।

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कैबिनेट के साथ बैठक में खामनेई ने कहा, 'स्वाभाविक तौर पर अगर हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि यह अब हमारे हित में रहा है तो हमें इससे हट जाना चाहिए।' उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि इस समझौते को बचाने के लिए यूरोपीय संघ के साथ बातचीत जारी रखी जाए। लेकिन इस मसले पर ईरानी सरकार बहुत उम्मीद नहीं करे।' परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद ईरान में राष्ट्रपति हसन रूहानी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

उनके सियासी प्रतिद्वंद्वियों ने संसद में उनको घेरना शुरू कर दिया है। उनका दावा है कि आने वाले दिनो में रूहानी सरकार के कुछ और मंत्रियों की रवानगी तय है। संसद इसी महीने श्रम और आर्थिक मामलों के मंत्रियों को पहले ही बर्खास्त कर चुकी है। इस पर खामनेई ने कहा कि सियासी टकराव ईरान के लोकतंत्र की ताकत का संकेत है। रूहानी के कार्यकाल में ही अमेरिका समेत दुनिया के छह शक्तिशाली देशों के साथ यह समझौता हुआ था।

2015 में हुआ था परमाणु समझौता
ईरान ने साल 2015 में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु समझौता किया था। इस समझौते के बाद ईरान पर लगे प्रतिबंधों को हटा लिया गया था। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल मई में समझौते को दोषपूर्ण करार देकर इससे हटने का एलान कर दिया और तीन हफ्ते पहले उस पर फिर प्रतिबंध थोप दिए।

प्रतिबंधों के खिलाफ आइसीजे पहुंचा है ईरान
ईरान ने दोबारा थोपे गए प्रतिबंधों को हटवाने की मांग को लेकर संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आइसीजे) का दरवाजा खटखटाया है। उसने दलील दी है कि अमेरिकी प्रतिबंधों से उसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई चल रही है। इस पर महीने भर के अंदर फैसला आने की उम्मीद है।


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