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आखिर ईरानी कमांडर सोलेमानी अमेरिका का क्‍यों बना था जानी दुश्‍मन, जानें क्‍या था पूरा मामला

ईरानी कमांडर कासिम सोलेमानी की हत्‍या की पहली बरसी पर कई ईरानी राजनीतिक और सैन्‍य अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है। आखिर कौन है सोलेमानी। सोलेमानी आखिर अमेरिका के निशाने पर क्‍यों था। उसकी कौन सी बात अमेरिका को अखर रही थी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 02:53 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 08:10 AM (IST)
आखिर ईरानी कमांडर सोलेमानी अमेरिका का क्‍यों बना था जानी दुश्‍मन, जानें क्‍या था पूरा मामला
संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और ईरानी कमांडर कासिम सोलेमानी। फाइल फोटो।

तेहरान, एजेंसी। ईरानी कमांडर कासिम सोलेमानी की हत्‍या की पहली बरसी पर कई ईरानी राजनीतिक और सैन्‍य अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है। आधिकारिक समाचार एजेंसी आइआरएनए के हवाले से विदेश मंत्री मोहम्‍मद जावद जरीफ ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि इराक से खुफ‍िया संकेत मिला है कि अमेरिकियों के खिलाफ हमलों की साजिश रच रहे हैं। ईरान के मुख्य राजनयिक ने संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सावधान रहने का आह्वान किया है। इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (IRGC)के कमांडर मेजर जनरल होसैन सलामी ने भी ईरान के खिलाफ की गई शत्रुतापूर्ण कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी जारी की थी। उन्‍होंने घोषणा की थी कि हम दुश्‍मन के खिलाफ पारस्‍परिक, निर्णायक और ठोस प्रहार के साथ कार्रवाई का जवाब देंगे। आखिर कौन है सोलेमानी। सोलेमानी आखिर अमेरिका के निशाने पर क्‍यों था। 

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सद्दाम हुसैन के बाद मध्‍य एशिया में कुद्स की सक्रियता से बिगड़ी बात

दरअसल, वर्ष 2003 में अमेरिका के नेतृत्‍व में हुए सैन्‍य हमलों में इराक में सद्दाम हुसैन की सत्‍ता खत्‍म होने के बाद मध्‍य पूर्व में कुद्स सेना ने अपने अभियान को तेज कर दिया। ईरान का समर्थन करने वाले दूसरे देशों के सरकार विरोधी गुटों को कुद्स ने हथ‍ियार, पैसे और ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी। ईरान के इस कदम से अमेरिका सख्‍त नाराज है। यह नाराजगी अभी तक चली आ रही है। अप्रैल, 2020 में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरान रिवोल्‍यूशनरी गार्ड्स समेत कुद्स को विदेश आतंकवादी संगठन करार दिया था। अमेरिका ने पहली बार दूसरी सरकार से जुड़े एक संगठन को चरमपंथी बताया था। अमेरिका के इस फैसले को ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। ईरान मध्‍य एशिया में अमेरिकी सेना को आतंकवादी गुट की संज्ञा दी थी। 

हिज्‍बुल्‍ला और कुद्स की निकटता अमेरिका को अखरी

हिज्‍बुल्‍ला और ईरान की इस्‍लामिक रिवॉल्‍युशनरी गार्ड्स की नजदीकियां अमेरिका को अखरती रही है। अमेरिका कहा कहना है कि ह‍िज्‍बुल्‍लाह इराक में उसके सैन्‍य ठिकानों पर लगातार हमला करता रहा है। वर्ष 2009 में अमेरिका ने हिज्‍बुल्‍लाह को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। हिज्‍बुल्‍लाह के कमांडर महदी अल मुहांदिस को वैश्विक आतंकवादी करार दिया था। अमेरिका का मानना है कि यह आतंकवादी संगठन इराक की स्थिरता के लिए खतरा है। हिज्‍बुल्‍लाह को ईरान के कुद्स फोर्स से कई तरह की मदद मिलती है।

आखिर क्‍या है कुद्स फोर्स

कुद्स फोर्स ईरान की इस्‍लामिक रिवोल्‍यूशनी गार्ड्स की एक शाखा है। यह देश के बाहर सैन्‍य गतिविधियों को अंजाम देती है। कमांडर जनरल कासीम सोलेमानी इसके प्रमुख थे। वह सीधे तौर देश के सर्वोच्‍च नेता आयतोल्‍लाह अली खामेनेई के प्रति जवाबदेह थे। उनको खामेनेई का बहुत करीबी माना जाता था। ईरान ने उनका काफी दबदबा था। आयतोल्‍लाह को भविष्‍य में ईरान के नेता के तौर पर देखा जाता था। सोलेमानी ने यमन से लेकर सीरिया तक और इराक से लेकर दूसरे मुल्कों तक रिश्तों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार किया ताकि इन देशों में ईरान का असर बढ़ाया जा सके। सोलेमानी को पश्चिम एशिया में ईरानी गतिविधियों को चलाने का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था। कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल सोलेमानी को ईरान के सुप्रीम लीडर आयतोल्लाह ने 'अमर शहीद' का खिताब दिया था।

सोलेमानी की बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हवाई हमले में मौत

बता दें कि ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सोलेमानी को बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हवाई हमले में मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्‍मेदारी अमेरिका ने ली थी। अमेरिकी रक्षा विभाग की तरफ से बयान में कहा गया था कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति के निर्देश पर विदेश में रह रहे अमेरिकी सैन्‍यकर्मियों की रक्षा के लिए उठाया गया। इस बयान में कहा गया था कि सोलेमानी बीते 27 दिसंबर समेत कई महीनों से इराक स्थित अमरीकी सैन्य ठिकानों पर हमलों को अंजाम देने में शामिल रहे हैं।


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