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ईरान में खत्म होगी दशकों पुरानी बंदिश, मैच देखने स्टेडियम जाएंगी स्थानीय महिलाएं

1979 के बाद से इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान के स्टेडियमों में महिलाओं को ना के बराबर प्रवेश मिला है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 09:03 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 07:13 AM (IST)
ईरान में खत्म होगी दशकों पुरानी बंदिश, मैच देखने स्टेडियम जाएंगी स्थानीय महिलाएं
ईरान में खत्म होगी दशकों पुरानी बंदिश, मैच देखने स्टेडियम जाएंगी स्थानीय महिलाएं

तेहरान, एएफपी। ईरानी महिलाएं कई दशकों बाद पहली बार गुरुवार को किसी फुटबॉल स्टेडियम में मुकाबला देखने पहुंचेंगी जिसके साथ लंबे समय से चली आ रही बंदिशों का अंत हो जाएगा। ईरान ने करीब 40 वर्षो से अपने यहां किसी फुटबॉल या दूसरे स्टेडियमों में महिलाओं के आने पर रोक लगा रखी है।

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हाल ही में फुटबॉल की शीर्ष संस्था फीफा ने उसे यहां के स्टेडियमों में महिलाओं के आने पर लगी रोक को हटाने का आदेश दिया था। इसके बाद निलंबन से डरकर ईरानी फुटबॉल संघ ने फीफा को आश्वस्त किया था कि वह महिलाओं को स्टेडियम में आने की इजाजत देगा। 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफायर में गुरुवार को ईरान की राष्ट्रीय टीम कंबोडिया के खिलाफ तेहरान के आजादी स्टेडियम में उतरेगी जिसके लिए महिला प्रशंसकों में टिकट लेने की होड़ दिखाई दी।

एक घंटे में बिक गई महिलाओं के लिए आरक्षित टिकटें

रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के लिए आरक्षित टिकटें एक घंटे से कम समय में बिक गईं। आजादी स्टेडियम में दर्शकों के बैठने की क्षमता करीब एक लाख है। करीब 3500 आरक्षित महिला सीट में से एक टिकट राहा पूरबख्श को भी मिली है जो पेशे से एक फुटबॉल पत्रकार हैं। उन्होंने कहा कि मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि यह होने जा रहा है क्योंकि अब तक फील्ड में काम करने के बावजूद मुझे टीवी पर सबकुछ देखना पड़ता था। अब मुझे सब कुछ सामने देखने को मिलेगा। इस मुकाबले के लिए 150 से ज्यादा महिला पुलिस अधिकारियों की भी स्टेडियम में नियुक्त की गई है जिनके लिए भी एक नया अनुभव होगा।

फीफा ने ईरान पर बनाया दबाव 

दरअसल ये सारी घटना ब्लू गर्ल के नाम से मशहूर एक ईरानी फुटबॉल प्रशंसक की हाल ही में हुई मृत्यु के बाद शुरू हुई थी। उस महिला प्रशंसक को सुरक्षा अधिकारियों ने उस समय पकड़ लिया था जब वह पुरुष के भेष में एक मैच देखने के लिए स्टेडियम में घुसने का प्रयास कर रही थी। इसके बाद उसने जेल जाने के डर से खुद को आग लगा दी जिसके बाद उसकी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। उस घटना के बाद फीफा ने ईरान पर दबाव बनाना शुरू किया था।


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