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संकट गहराया, ईरान के सर्वोच्‍च नेता ने राष्‍ट्रपति ट्रंप के साथ बातचीत से किया इन्‍कार

खामनेई ने कहा ईरान पर ज्यादा से ज्यादा दबाव बनाने की नीति बेमानी है। ईरान के सभी अधिकारी इस बात को लेकर एकमत हैं कि अमेरिका से कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 09:01 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 09:01 AM (IST)
संकट गहराया, ईरान के सर्वोच्‍च नेता ने राष्‍ट्रपति ट्रंप के साथ बातचीत से किया इन्‍कार
संकट गहराया, ईरान के सर्वोच्‍च नेता ने राष्‍ट्रपति ट्रंप के साथ बातचीत से किया इन्‍कार

तेहरान, एजेंसी । ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई ने सऊदी तेल संयंत्रों पर हमले के बाद बढ़े तनाव के मद्देनजर अमेरिकी से किसी भी तरह की वार्ता से इन्कार किया है। खामनेई ने मंगलवार को यहां कहा, ईरान पर ज्यादा से ज्यादा दबाव बनाने की नीति बेमानी है। ईरान के सभी अधिकारी इस बात को लेकर एकमत हैं कि अमेरिका से किसी भी स्तर पर कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए। राष्ट्रपति हसन रूहानी भी प्रतिबंध हटाए जाने से पहले अमेरिका से सीधी बातचीत से इन्कार कर चुके हैं।  

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि उनकी सेना सऊदी तेल संयंत्रों पर हुए अभूतपूर्व हमलों का जवाब देने की तैयारी कर रही है। उन्होंने इसे अपने सहयोगी देश पर बड़ा हमला बताते हुए आशंका जताई थी कि इसके पीछे ईरान का हाथ हो सकता है। वहीं, मंगलवार को अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा कि ईरानी की जमीन से ही क्रूज मिसाइल से हमला किया गया था। अधिकारी ने कहा कि अगले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश करने के लिए अमेरिका हमले को लेकर सुबूत जुटा रहा है।

अमेरिका उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने मंगलवार को कहा कि विदेश मंत्री माइक पोंपियो आगे की रणनीति पर बातचीत करने मंगलवार को सऊदी अरब पहुंचे हैं। ट्रंप ने सोमवार को यह भी कहा था कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान वह ईरानी राष्ट्रपति रूहानी से भी नहीं मिलेंगे। ट्रंप के इस बयान से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति भवन ने कहा था कि अगले हफ्ते न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन से इतर राष्ट्रपति ट्रंप अपने ईरानी समकक्ष हसन रूहानी से मुलाकात कर सकते हैं।

खामनेई ने इससे इन्कार करते हुए कहा, अमेरिकियों से किसी बातचीत का कोई मतलब ही नहीं बनता। यदि ऐसा हुआ तो इसका मतलब निकाला जाएगा कि हम पर दबाव बनाने की उनकी नीति कामयाब रही। यही वजह है कि रूहानी, विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद जरीफ और अन्य अधिकारियों ने एक सुर में एलान किया है कि हम अमेरिका से कोई बातचीत नहीं करेंगे। 

पिछले साल मई में वर्ष 2015 के परमाणु करार से हटने के ट्रंप के एलान के बाद से ईरान और अमेरिका में तनातनी चल रही है। ईरान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका ने उस पर फिर प्रतिबंध लगा दिए हैं। जवाब में ईरान ने भी अपना परमाणु कार्यक्रम फिर शुरू करने की बात कही है।

अरैमको ने प्लांट में कर्मचारियों को जाने की अनुमति दी 

सऊदी अरब की कंपनी अरैमको ने शनिवार को हुए हमले के बाद मंगलवार को अबकैक परिसर में पहली बार कर्मचारियों को प्रवेश करने की इजाजत दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। 

बहुत जल्द तेल उत्पादन सामान्य हो जाएगा 

सऊदी अरब के एक अधिकारी ने लंदन में कहा कि दो से तीन हफ्ते में तेल उत्पादन सामान्य स्थिति में पहुंच जाएगा। पहले इसमें महीनों लगने की आशंका जताई गई थी। सऊदी अरब रोजाना 57 लाख बैरल तेल का उत्पादन करता है। अधिकारी ने बताया कि लगभग 70 फीसद उत्पादन बहाल हो गया है। 

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