Iran ready for war with US: ईरान ने मार गिराया अमेरिकी सेना का ड्रोन, कहा- जंग को तैयार
Iran ready for war with US ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों में विस्फोट के बाद से ही ईरान-अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
तेहरान, एपी। अमेरिका और ईरान में पहले से ही काफी तनाव है, इस बीच यूएस के एक शक्तिशाली ड्रोन को तेहरान ने मार गिराया है। दोनों देशों ने अपने-अपने दावे किए हैं पर अमेरिका ने स्वीकार किया है कि ईरान ने उसके 18 करोड़ डॉलर के शक्तिशाली जासूसी ड्रोन को गिरा दिया है।
इसके फौरन बाद ईरान ने ऐलान कर दिया कि वह जंग के लिए पूरी तरह से तैयार है। आपको बता दें कि गल्फ क्षेत्र में बढ़ता तनाव पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है क्योंकि यह खबर ऐसे समय में आई है जब हाल ही में एक रिपोर्ट में आशंका जताई गई थी कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के चलते परमाणु युद्ध हो सकता है।
ईरान का कहना है कि यह जासूसी ड्रोन दक्षिणी ईरान के ऊपर से उड़ रहा था। ताजा घटनाक्रम से दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ने और सशस्त्र टकराव की आशंका गहरा गई है।ईरान की सशस्त्र सेना रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने बताया कि दक्षिणी प्रांत होर्मोजगन के ऊपर से उड़ रहे ड्रोन को निशाना बनाया गया। समाचार एजेंसी तसनीम न्यूज ने ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव के हवाले से कहा कि ईरान अपनी हवाई सीमा के उल्लंघन की हर कोशिश का मजबूती से जवाब देगा।
सरकारी समाचार एजेंसी आइआरएनए के मुताबिक, यह ड्रोन आरक्यू-4 ग्लोबल हॉक श्रेणी का था। वहीं एक अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि ड्रोन नौसेना के एमक्यू-4सी ट्राइटन श्रेणी का था। यह ड्रोन होर्मुज जलसंधि के ऊपर अंतरराष्ट्रीय हवाई सीमा में उड़ान भर रहा था। इससे पहले अमेरिकी सेना के प्रवक्ता ने भी कहा था कि अमेरिका का कोई विमान ईरान के हवाई क्षेत्र में नहीं घुसा था। अमेरिकी सेना ने हाल में ईरान द्वारा एक अमेरिकी ड्रोन के मार गिराने की पुष्टि की थी।
छह जून को यमन में ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों ने भी एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था।ईरान और अमेरिका के बीच पिछले साल से तनाव की स्थिति बनी हुई है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था। साथ ही ईरान पर पुन: प्रतिबंध लगा दिए थे। पिछले हफ्ते ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर और 12 मई को संयुक्त अरब अमीरात की ओर जा रहे चार टैंकरों पर हुए हमलों के बाद से क्षेत्र में सैन्य टकराव का खतरा बढ़ गया है।
दोनों हमले होर्मुज जलडमरूमध्य (स्ट्रेट) के पास हुए थे, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोलियम की आवाजाही का अहम रास्ता है। अमेरिका का कहना है कि इन हमलों को ईरान ने अंजाम दिया है। वहीं, ईरान ऐसे आरोपों से इन्कार करता रहा है। हाल में ईरान ने हमलों में अमेरिका का हाथ होने की आशंका भी जताई थी।
10 दिन में संवर्धित यूरेनियम भंडार की सीमा बढ़ाएगा ईरान
ईरान की परमाणु एजेंसी के प्रवक्ता बहरूज कमलवंदी ने कहा है कि अगले दस दिनों में हम संवर्धित यूरेनियम के अपने भंडार की सीमा को बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। वर्ष 2015 में हुए परमाणु समझौते के तहत ईरान 3.67 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम की 300 किलोग्राम मात्रा रख सकता है। बहरूज ने कहा कि ईरान को 20 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम की जरूरत है इसीलिए यूरेनियम संवर्धन क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। परमाणु हथियार बनाने के लिए 90 फीसद संवर्धित यूरेनियम की जरूरत होती है। 20 से 90 फीसद संवर्धित यूरेनियम बनाने की प्रक्रिया आसान है।
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