ट्रंप और दुनियाभर के 85 हजार एथलीटों की अपील के बावजूद ईरान ने रेसलर को फांसी पर लटकाया
ट्रंप और दुनियाभर के 85 हजार एथलीटों की अपील के बावजूद ईरान ने रेसलर नाविद अफकारी को हत्या के एक कथित मामले में शनिवार को फांसी पर लटका दिया है।
तेहरान, एजेंसियां। ईरान ने रेसलर नाविद अफकारी को हत्या के एक कथित मामले में शनिवार को फांसी पर लटका दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत हजारों एथलीटों ने रेसलर को मृत्युदंड नहीं देने की अपील की थी। सरकारी टीवी ने फार्स प्रांत के चीफ जस्टिस काजम मौसवी के हवाले से बताया कि हसन तुर्कमान के हत्यारे 27 वर्षीय नाविद को शनिवार सुबह शिराज शहर की आदिलाबाद जेल में फांसी दी गई।
नाविद का मामला उस समय सोशल मीडिया के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छा गया था जब यह बात सामने आई थी कि उनको और उनके भाइयों को सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए निशाना बनाया जा रहा है। अधिकारियों ने नाविद पर आरोप लगाया था कि उन्होंने शिराज में अशांति के दौरान एक व्यक्ति को चाकू मार दिया था। यह भी कहा जाता है कि उन्हें अपराध स्वीकार करने के लिए विवश किया गया था।
ट्रंप ने इसी माह ईरान से रेसलर को मौत की सजा नहीं देने की अपील की थी। दुनियाभर के करीब 85 हजार एथलीटों ने भी फांसी रोकने की अपील की थी। दूसरी और अमेरिका के साथ गहराए तनाव के बीच ईरान सालाना सैन्य अभ्यास कर रहा है। ईरान ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण माने जाने वाले होर्मुज स्ट्रेट में गुरुवार से बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास शुरू किया।
ईरान के सरकारी टीवी के अनुसार, ओमान की खाड़ी में 20 लाख वर्ग किलोमीटर के दायरे में तीन दिन तक चलने वाले अभ्यास में तीनों सेनाएं हिस्सा ले रही हैं। ईरानी पनडुब्बियां और ड्रोन भी तैनात किए गए हैं। इससे पहले इस सालाना सैन्य अभ्यास के कमांडर एडमिरल हबीबुल्ला सय्यारी ने कहा कि इस अभियान का मकसद विदेशी खतरों और किसी हमले से निपटने में अपनी तैयारियों को बेहतर करना है। उनके इस बयान को ईरान और अमेरिका के बीच बढ़े तनाव से जोड़कर देखा गया है।
अमेरिका और ईरान में तनातनी वर्ष 2018 में उस समय शुरू हुई, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु करार से अमेरिका के हटने का एलान किया था। उन्होंने तेहरान पर कई सख्त प्रतिबंध भी थोप दिए थे। गत जनवरी में अमेरिकी ड्रोन हमले में बगदाद में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। इसका बदला लेने के लिए ईरान ने इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल से हमले किए थे।