Move to Jagran APP

वादा नहीं निभाने के लिए ईरान ने की भारत की आलोचना

अगर भारत ने इरान के साथ तेल के आयात में कटौती की तो भारत विशेष प्रधिकार के दर्जे को खो देगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 05:53 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 06:19 PM (IST)
वादा नहीं निभाने के लिए ईरान ने की भारत की आलोचना
वादा नहीं निभाने के लिए ईरान ने की भारत की आलोचना

नई दिल्‍ली, जेएनएन। चाबहार बंदरगाह पर रणनीतिक रूप से विस्‍तार के लिए निवेश करने के अपने वादे को पूरा नहीं करने पर इरान ने भारत की आलोचना की है। साथ ही कहा है कि अगर भारत ने इरान के साथ तेल के आयात में कटौती की तो भारत विशेष प्रधिकार के दर्जे को खो देगा।

loksabha election banner

ईरान के उप राजदूत और प्रभारी मसौद रेजवानियन रहाघी ने कहा कि इरान भारत के विशेष प्राधिकार को खत्‍म कर देगा, अगर उसने सउदी अरब, रूस, इराक और अमेरिका जैसे देशों से तेल का आयात शुरू किया। उन्‍होंने कहा कि यह दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि भारत ने चाबहार बंदरगाह पर कनेक्‍टविटी कार्यक्रम और निवेश के वादे को पूरा नहीं किया। हम उम्‍मीद करते हैं कि चाबहार की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए भारत तत्‍काल रूप से सहयोग और अनुबंध का पालन करने के लिए आवश्‍यक उपाय करेगा।

रहाघी एक सेमिनार के दौरान 'उभरती चुनौतियां, वैश्विक रणनीति में नए अवसर और भारत के साथ सबंध' विषय पर बोल रहे थे। इस दौरान अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसी राइटर ने जानकारी दी है कि जून के महीने में इरान के साथ तेल का आयात घटकर 15.9 प्रतिशत हो गया है। पहले महीने में ब्रिटेन ने कहा था कि शिपिंग और उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक ईरान पर प्रतिबंध लगायाएगा।

पाकिस्‍तान के साथ व्‍यापार के इंकार के बाद चाबहार बंदरगाह भारत, ईरान, अफगानिस्‍तान और मध्‍य एशियाई देशों के साथ व्‍यापार का प्रवेश द्वार है। मई 2016 में भारत, इरान और अफगानिस्‍तान एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किया था। इसके अंतर्गत चाबाहर बंदरगाह का प्रयोग क्षेत्रीय हब के रूप में पारगमन और परिवहन कॉरिडोर के रूप में प्रयोग करने की मांग की गई थी।

इसका प्रयोग मल्‍टी मॉडल ट्रांसपोर्ट्र के अन्‍तर्गत तीनों देशों को सामान और यात्रियों के लिए करना था। अमेरिका के प्रतिबंधों का उल्‍लेख करते हुए रहाघी ने कहा कि उनका देश ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का विश्‍वसनीय सहयोगी है। इरान हमेशा तेल के तर्कसंगत मूल्‍य का पक्षधर रहा है, जो उपभोक्‍ता और आपूर्तिकर्ता के महत्‍व को ध्‍यान में रखकर तय किया जाता है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.