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मालदीव में गिरफ्तार भारतीय और विदेशी पत्रकार रिहा, देश छोड़कर जाने को कहा

राजनीतिक संकट और आपातकाल के बीच मालदीव में गिरफ्तार भारतीय मूल के 2 पत्रकारों को तुंरत देश छोड़ने का आदेश जारी कर दिया गया है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 05:32 PM (IST)Updated: Sat, 10 Feb 2018 05:37 PM (IST)
मालदीव में गिरफ्तार भारतीय और विदेशी पत्रकार रिहा, देश छोड़कर जाने को कहा
मालदीव में गिरफ्तार भारतीय और विदेशी पत्रकार रिहा, देश छोड़कर जाने को कहा

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v style="text-align: justify;">माले (एजेंसी)।  मालदीव में कार्य कर रहे दो विदेशी पत्रकारों को यामीन सरकार ने देश छोड़कर जाने के लिए कहा है। इनमें से एक पत्रकार भारतीय नागरिक है जबकि एक भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक है। दोनों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों पत्रकार मालदीव के राजनीतिक संकट की रिपोर्टिंग कर रहे थे। सरकार ने इसे अवैध कृत्य माना और उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
 
जिन दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया था उनमें एक अमृतसर के रहने वाले मनी शर्मा हैं जबकि दूसरे का नाम आतिश रवि पटेल है। पुलिस को जांच में उनके दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली है। पुलिस के अनुसार दोनों पत्रकार पर्यटक वीजा पर मालदीव आकर न्यूज रिपोर्टिग कर रहे थे, जो कानूनी रूप से गलत था। अब दोनों पत्रकारों को आव्रजन अधिकारियों को सौंप दिया गया है। दोनों को देश छोड़कर वापस जाने के लिए कहा गया है। उनके खिलाफ अन्य कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
 
मालदीव पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इन दोनों पत्रकारों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा है, 'हम यह बताना चाहते हैं कि उन्हें (पत्रकारों) को मालदीव छोड़ने का आदेश जारी कर दिया गया है। उनके खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।'
 
मालदीव में दो पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई से पहले राजे टीवी नाम के एक प्राइवेट न्यूज चैनल को सरकार बंद करा चुकी है। इस चैनल पर विपक्ष की गतिविधियां और बयानों को प्रमुखता देने का आरोप था। इसे देश की एकजुटता के लिए खतरनाक माना गया। मालदीव में राजनीतिक उठापटक की शुरुआत पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से हुई जिसमें पूर्व राष्ट्रपति समेत नौ राजनीतिक कैदियों पर लगे आरोपों को गलत मानते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया गया।
 
सत्तारूढ़ अब्दुल्ला यामीन की सरकार ने इस आदेश को मानने से इन्कार कर दिया और देश में आपातस्थिति लागू कर दी। साथ ही आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद और एक अन्य वरिष्ठ न्यायाधीश को गिरफ्तार कर लिया। पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गयूम समेत कई विपक्षी नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया। यह संकट अभी जारी है। राष्ट्रपति यामीन के कार्यकाल में दूसरी बार इमरजेंसी लगाई गई है। इससे पहले नवंबर 2015 में उन्होंने अपनी जान का खतरा बताते हुए इमरजेंसी लगा दी थी। इस बीच, मालदीव के विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति यामीन पर दबाव बनाने के लिए भारत समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गुहार लगाई है।

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