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UAE में अबू धाबी के क्राउन से मिले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, जानें क्‍या हैं इसके कूटनीतिक मायने

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के रणनीतिक साझेदारी पर विस्‍तार से चर्चा हुई। शनिवार को यूएई पहुंचे जयशंकर ने कहा कि क्राउन प्रिंस से मिलकर वह बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 05:41 PM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 05:59 PM (IST)
UAE में अबू धाबी के क्राउन से मिले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, जानें क्‍या हैं इसके कूटनीतिक मायने
UAE में अबू धाबी के क्राउन से मिले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर।

अबू धाबी, एजेंसी। India and UAE Relations: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस से मुलाकात की है। दोनों नेताओं की रणनीतिक साझेदारी पर विस्‍तार से चर्चा हुई। शनिवार को यूएई पहुंचे जयशंकर ने कहा कि क्राउन प्रिंस से मिलकर वह बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। भारत और यूएइ के बीच कैसे संबंध हैं। भारतीय विदेश मंत्री की इस यात्रा के क्‍या निहितार्थ हैं।

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भारत और यूएई के बीच मधुर हुए संबंध

1- दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध, जो अबू धाबी और दिल्ली के बीच हैं, पिछले साढ़े तीन सालों में बेहतर और मजबूत हुए हैं। यह प्रगति काफी तेजी से हो रही है, जो पिछले 30-40 सालों में नहीं हुई थी। पहले यह रिश्ता औपचारिक और तिजारत तक ही सीमित था। अब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सियासी रिश्‍ते हो रहे हैं। दोनों देश खुफि‍या सूचनाएं साझा कर रहे हैं। दोनों देश सैन्य मदद में आगे बढ़ रहे हैं।

2- संयुक्त अरब अमीरात ने अपने पिछले दौरे में भारत में 70 अरब डालर पूंजी निवेश की बात कही थी। उसमें कुछ खास प्रगति नहीं हुई है, अबू धाबी कुछ नियमों पर आपत्ति जता रहा है, ऐसे में इस मुद्दे पर भी बात हो सकती है। जहां तक खाड़ी देशों का सवाल है, उसमें भी दो चीजें हैं, एक भारत और ईरान के पुराने रिश्ते। अमरीका की धमकी के बाद भारत ने ईरान से तेल लेना बंद कर दिया, लेकिन चाबहार और दूसरे मामलों को लेकर भारत और ईरान अपने संबंध बरकरार रखना चाहते हैं, जिस पर संयुक्त अरब अमीरात अप्रत्यक्ष रूप से अपनी नाराजगी जता चुका है। वह सऊदी अरब, अमरीका, इसराइल और भारत के साथ मिल कर ईरान के खिलाफ एक फ्रंट बनाना चाहता है।

3- ईरान से गैस पाइप लाइन पाकिस्तान के जरिए भारत आना था, वो अब ओमान की तरफ से लाने की कोशिश हो रही है, जिसे संयुक्त अरब अमीरात रोकना चाहता है। संयुक्त अरब अमीरात नहीं चाहता है कि भारत का व्यापारिक संबंध ओमान के साथ अधिक बढ़े।

4- गौरतलब है कि है कि भारत और यूएइ के बीच साझेदारी बढ़ाने में संयुक्त कार्यदल एक अहम भूमिका निभा रहा है। पिछले आठ वर्षों में संयुक्त कार्यदल के प्रयासों का ही परिणाम है कि वर्तमान में दोनों देशों के संबंध इतने मजबूत हुए हैं। तेजी से विकास करते भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां विकास की असीम संभावनाएं हैं। यूएई, भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार निवेश कर रहा है। वह भारत के विकास का अहम भागीदार भी है।

भारत-यूएई के बीच राजनयिक संबंध

गौरतलब है कि भारत और यूएइ ने वर्ष 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित किए। यूएइ ने वर्ष 1972 में दिल्ली में अपना दूतावास खोला और भारत ने वर्ष 1973 में अबू धाबी में अपना दूतावास खोला। 1970 के दशक में भारत-यूएइ का व्यापार 180 मिलियन यूएस डालर प्रति वर्ष था वर्तमान में यह 60 बिलियन यूएस डालर के आसपास है। वर्ष 2018-19 में यूएइ भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। इसके अलावा यूएई वर्ष 2018-19 में 30 बिलियन अमेरिकी डालर से अधिक की राशि के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश था। यूएइ में भारतीय निवेश का अनुमान लगभग 85 बिलियन अमेरिकी डालर है।

पाकिस्तान को घेरने की भी कोशिश होगी

बीते मार्च में संयुक्त अरब अमीरात में आर्गेनाइजेशन आफ इस्लामिक कोआपरेशन (ओआइसी) की बैठक हुई थी। इससे भारत को विशिष्ठ अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। ओआइसी 57 देशों का समूह है जो मोटे तौर पर इस्लाम को मानने वाले देशों से मिलकर बना है। इस बैठक में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोला था। दिल्ली में हो रही इस बार की मुलाकात में भारत एक बार फिर से संयुक्त अरब अमीरात के सामने यह मुद्दा उठा सकता है और पाकिस्तान को चरमपंथ के मुद्दे पर अलग-थलग करने की कोशिश करेगा।

दुबई एयरशो वायु सेना के तेजस ने भरी उड़ान

रविवार को दुबई एयरशो के उद्घाटन के दिन भारतीय वायु सेना के सारंग एरोबेटिक्स टीम और तेजस विमान ने अपने उड़ान कौशल का प्रदर्शन किया। यूएई सरकार द्वारा भारतीय वायु सेना को दुबई एयरशो में आमंत्रित किया गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी यहां का दौरा किया है। उन्होंने दुबई 2020 एक्सपो में भारत मंडप का दौरा किया, जहां उन्होंने स्लोवाकिया, साइप्रस और लक्जमबर्ग के अपने समकक्षों से मुलाकात की। भारत मंडप की अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ने अब तक तीन लाख लोगों के यहां आने के लिए इसकी प्रशंसा की है।


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