मध्यपूर्व देशों की शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है भारत: फलस्तीन
राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया में वे पीएम मोदी के साथ भारत की भूमिका पर चर्चा करेंगे
रामाल्लाह (प्रेट्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक फलस्तीन दौरे से पहले राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया और इजरायल के साथ अंतिम डील पर समझौते के लिए बहुपक्षीय मंच के निर्माण को लेकर वे पीएम मोदी के साथ भारत की भूमिका पर चर्चा करेंगे।
अमेरिका द्वारा यरुशलम को इजरायल की राजधानी करार दिए जाने के बाद उपजे तनाव के बीच यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को रामाल्लाह पहुंचेंगे।
इजरायल की राजधानी यरुशलम बनाने के अमेरिका के इस एकपक्षीय निर्णय को संयुक्त राष्ट्र महासभा में चुनौती दी गयी थी जहां भारत समेत 128 देशों ने इस अमेरिकी निर्णय के विरोध में वोट किया था।
उन्होंने जोर दिया कि भारत और फलस्तीन के बीच पुराना रिश्ता है और यह दौरा दोनों देशों के इस ऐतिहासिक संबंध को और प्रगाढ़ बनाएगा। भारतीय प्रधानमंत्री के इस दौरे में इजरायल शामिल नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के वोट की ओर इशारा करते हुए अब्बास ने कहा, ‘1988 में भारत ने फलस्तीन को उकेरा है और हम यरुशलम में फलस्तीन के अधिकार के पक्ष में भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए वोट और अंतरराष्ट्रीय पृष्ठ पर फलस्तीन के अधिकारों को समर्थन देने के लिए भारत द्वारा उठाए गए राजनीतिक कदमों को नहीं भूल सकते।‘ इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने हाल में कहा कि यूएन में भारत के वोट दिए जाने से वे निराश हैं लेकिन उम्मीद है कि समय के साथ बदलाव हो जाएगा।
हमेशा से बेहतर रहा है भारत-फलस्तीन संबंध
फलस्तीन नागरिकों पर अत्याचार के विरोध में महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पत्र लिखा था। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी फलस्तीन के समर्थन में भारत ने आवाज बुलंद की।