महामारी के बीच सऊदी अरब में हज शुरू, सिर्फ एक हजार तीर्थयात्री को मिला है मौका
पिछले सौ सालों में यह पहली बार है जब सऊदी सरकार ने विदेश से आए किसी व्यक्ति को यात्रा की अनुमति नहीं दी है।
दुबई, एपी। 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहने के बाद बुधवार से तीर्थयात्री इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का पहुंचने शुरू हो गए। कोरोना को देखते हुए ना केवल तीर्थयात्रियों की संख्या को बहुत सीमित रखा गया है बल्कि आने वाले तीर्थयात्रियों के जत्थे में 20 से ज्यादा लोगों को नहीं रखा गया है। मक्का पहुंचने वाले सभी तीर्थयात्री फेस मास्क से मुंह ढके हुए थे। महामारी को लेकर अबकी बार किए गए स्वास्थ्य उपायों को देखें तो हज यात्रा को प्रतीकात्मक ज्यादा माना जा रहा है।
दुनियाभर के शिया, सुन्नी और दूसरे मुस्लिम संप्रदाय के लगभग 25 लाख लोग प्रत्येक वर्ष हज यात्रा पर आते हैं। यह लोग ना केवल एक साथ प्रार्थना करते हैं बल्कि एक साथ भोजन और शैतान को कंकड़ मारने की परंपरा निभाते हैं। हालांकि कोरोना के चलते इस बार तीर्थयात्री ना केवल अपने होटल के कमरों में पहले से पैक किया गया भोजन कर रहे हैं बल्कि इस दौरान एक-दूसरे से शारीरिक दूरी भी बनाकर रख रहे हैं। पिछले सौ सालों में यह पहली बार है जब सऊदी सरकार ने विदेश से आए किसी व्यक्ति को यात्रा की अनुमति नहीं दी है। पहले से सऊदी अरब में रह रहे एक हजार लोगों को हज यात्रा के लिए चुना गया है। इनमें से दो-तिहाई लोग 160 देशों के हैं। एक तिहाई सऊदी सुरक्षाकर्मी और चिकित्सा कर्मचारी हैं।
तीर्थयात्रियों का किया गया कोरोना टेस्ट
जिन तीर्थयात्रियों को हज के लिए चुना गया है, उनकी आयु 20 से 50 वर्ष के बीच। इनमें कोरोना सहित किसी और बीमारी के लक्षण नहीं थे। सभी तीर्थयात्रियों का कोरोना टेस्ट किए जाने के साथ उनके घूमने-फिरने पर नजर रखने के लिए कलाई पर बांधने वाला बैंड दिया गया था। इतना ही नहीं हज यात्रा शुरू होने से पहले सभी को होटल के कमरे या फिर घर में क्वांरटीन रहने को कहा गया था। हज यात्रा पूरी करने के बाद इन लोगों को एक सप्ताह तक क्वांरटीन रहना होगा।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया को नहीं मिली इजाजत
अबकी बार अंतरराष्ट्रीय मीडिया को हज यात्रा कवर करने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके बजाय सऊदी सरकार ने बुधवार को हज से जुड़ी लाइव फुटेज प्रसारित की, जिसमें तीर्थयात्री बहुत सीमित संख्या में दिााई दे रहे हैं। इस वर्ष तीर्थयात्री आब-ए-जमजम के पानी को प्लास्टिक की बोतलों में पैक करके ही पी सकेंगे। शैतान को कंकड़ मारने से पहले पत्थर को स्टरलाइज किया जाएगा। तीर्थयात्रियों को सिल्वर नैनो टेक्नोलॉजी से लैस कपड़े पहनने को दिए गए है। सऊदी सरकार का कहना है कि इससे बैक्टीरिया को मारने में मदद मिलेगी।