Move to Jagran APP

कोरोना महामारी के बीच खाड़ी देशों का शिखर सम्‍मेलन, कोविड-19 से निपटने और आर्थिक सुधारों पर होगी चर्चा

इस सम्‍मेलन में खाड़ी देशों से जुड़ी गंभीर चुनौतियों को दूर करने के तरी‍कों पर चर्चा होगी। इसके अलावा कोरोना महामारी का मुकाबला करने और आर्थिक विकास में सुधार के प्रयासों को एकजुट करने के तरीकों पर भी चर्चा होगी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 12:45 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 12:45 PM (IST)
कोरोना महामारी के बीच खाड़ी देशों का शिखर सम्‍मेलन, कोविड-19 से निपटने और आर्थिक सुधारों पर होगी चर्चा
कोरोना महामारी के बीच रियाद में खाड़ी देशों का 41वां शिखर सम्‍मेलन। फाइल फोटो।

रियाद, एजेंसी। 41वें खाड़ी देशों का शिखर सम्‍मेलन आज यानी 5 जनवरी को शुरू हो रहा है। इसकी मेजबानी सऊदी अरब कर रहा है। सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्‍दुलअजीज अल सऊद ने शनिवार को खाड़ी सहयोग परिषद के महासचिव नायेफ फलाह अल हजरफ को सदस्‍य देशों के नेताओं को आमंत्रित करने का अनुरोध किया था। कोरोना महामारी के बीच इस शिखर सम्‍मेलन को खाड़ी देशों की एकता के रूप लक्षित किया गया है।

loksabha election banner

इस सम्‍मेलन में खाड़ी देशों से जुड़ी गंभीर चुनौतियों को दूर करने के तरी‍कों पर चर्चा होगी। इसके अलावा कोरोना महामारी का मुकाबला करने और आर्थिक विकास में सुधार के प्रयासों को एकजुट करने के तरीकों पर भी चर्चा होगी। जीसीसी के महासचिव डॉ नायेफ फलाह ने कहा कि शिखर सम्‍मेलन का 41वां संस्‍करण परिषद की एक नए अध्‍याय की शुरुआत होगी। उन्‍होंने कहा कि 1981 में परिषद के गठन के बाद से इसका उद्देश्‍य क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण और सहयोग इसका प्रमुख उद्देश्‍य रहा है।

बता दें कि जीसीसी 1.6 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ सबसे बड़े आर्थिक ब्लाकों में से एक है़। परिषद के देश प्रतिवर्ष 609.5 बिलियन डॉलर का निर्यात करते हैं। यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा निर्यातक समूह है। अपने पांचवें दशक में जीसीसी देश कोविड -19 महामारी के बाद क्षेत्र में आर्थिक विकास को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। मित्र देशों के साथ मुक्त व्यापार वार्ता और रणनीतिक साझेदारी फिर से शुरू करना इस समूह की प्रमुख चुनौती है। परिषद आधुनिक तरीकों को अपनाकर और सहयोग के नए क्षितिज बनाने के लिए उनका दोहन करके वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की कोशिश करेगी।

1983 में शुरू जीसीसी के सदस्य देशों ने धीरे-धीरे कारोबार को सुविधाजनक बनाने के लिए एकीकृत नीतियों को लागू करना शुरू किया। इसमें  इंट्रा-जीसीसी व्यापार के लिए टैरिफ छूट भी शामिल थी। इसका समापन 2003 में जीसीसी सीमा शुल्क संघ के निर्माण और अंतर-जीसीसी आयात पर एकीकृत सीमा शुल्क की शुरूआत के रूप में हुआ। इन दो ऐतिहासिक नीतियों ने जनवरी 2008 में जीसीसी कॉमन मार्केट की स्थापना के लिए नींव तैयार की, जिन्होंने खाड़ी के नागरिकों को व्यापार लाइसेंसिंग और गतिविधियों में सदस्य राज्यों के बराबर की अनुमति दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.