सीरिया में संघर्षविराम के कुछ घंटे बाद फिर टकराव, सेना और विद्रोहियों के ताजा हमलों में 15 मरे
दक्षिणी इदलिब प्रांत में सीरियाई सरकार के सैन्य बलों और जिहादी विद्रोहियों के बीच हुई मुठभेड़ों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है।
अम्मान, रॉयटर। रूस और तुर्की के बीच गुरुवार मध्य रात्रि से लागू युद्धविराम के कुछ ही घंटे बाद सीरिया के इदलिब प्रांत में फिर से संघर्ष छिड़ गया। शुक्रवार को मिली सूचना के अनुसार सीरिया की सरकारी सेना और तुर्की समर्थित विद्रोहियों के टकराव में 15 से ज्यादा लोगों के मारे गए हैं। संघर्षविराम का समझौता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के बीच मॉस्को में हुआ था। जिन विद्रोहियों से सीरियाई सेना का टकराव हुआ है उनका इदलिब के बड़े इलाके पर कब्जा है।
चूंकि सीरियाई सेना को रूस का समर्थन है। इसलिए माना जा रहा था कि रूस और तुर्की के बीच गुरुवार को हुए युद्धविराम से इदलिब प्रांत में शांति हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया के हालात को बहुत बुरा बताया है जिसमें लाखों लोगों को हिंसा का शिकार होना पड़ा है और अपना घर छोड़ना पड़ा है। यही लोग तुर्की और अन्य पड़ोसी देशों में शरणार्थी के रूप में पहुंचे हैं। अब तुर्की इन्हीं शरणार्थियों का भय दिखाकर यूरोपीय देशों से धन की वसूली कर रहा है। रूस शरणार्थियों के मसले पर किसी से कोई बात नहीं कर रहा।
रूस समस्या के लिए तुर्की को जिम्मेदार ठहरा रहा है जो सीरिया के सीमावर्ती इलाकों में हमले कर वहां रहने वाले आमजनों के लिए कठिनाइयां पैदा कर रहा है। हिंसा से बचने के लिए यही नागरिक शरणार्थी के रूप में अन्य देशों में जा रहे हैं। बीते एक महीने में इदलिब में संघर्ष कर रही तुर्की की सेना को अपने 60 सैनिकों की कुर्बानी देनी पड़ी है लेकिन वह पीछे हटने का नाम नहीं ले रही। वह सीरिया की सीमा से लगे इलाके में सुरक्षित क्षेत्र विकसित करने के प्रयास में लगी है, जहां पर शरणार्थियों को बसाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि तुर्की और रूस के बीच सहमति के बाद उत्तरी सीरिया में शुक्रवार को संघर्ष विराम लागू हो गया। इस सीज फायर का मकसद सीरिया में जारी भीषण लड़ाई और दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव को रोकना है। सीरिया के इदलिब प्रांत में हिंसा बढ़ने के बाद यह समझौता हुआ है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के उनके समकक्ष रजब तैयब एर्दोआन के बीच लंबी बातचीत के बाद समझौते को अमली जामा पहनाया गया।
पुतिन और एर्दोआन ने मॉस्को में छह घंटे से ज्यादा चली बातचीत के बाद शुक्रवार की मध्य रात्रि से सीज फायर को लागू करने पर रजामंदी जताई। मालूम हो कि इदलिब में जारी लड़ाई के चलते लाखों लोग अपने घरों को छोड़ चुके हैं। इस दौरान तुर्की के कई सैनिक भी मारे गए हैं। तुर्की इदलिब में रूस समर्थित सरकारी सुरक्षा बलों से लड़ रहा है। समझौते के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यह समझौता इदलिब में जारी लड़ाई को खत्म करने में मददगार होगा। हालांकि, एर्दोआन का कहना है कि उनके पास सीरिया की ओर से किए गए किसी भी हमले का करारा जवाब देने की क्षमता है।