Move to Jagran APP

नहीं थम रही यरुशलम से फलस्तीन परिवारों की बेदखली, सत्ता परिवर्तन के बाद भी गाजा नीति में परिवर्तन की संभावना कम

अधिकार समूहों का कहना है कि यहां से फलस्तीनियों को बाहर करने का सिलसिला नहीं रुकेगा। यहां अतरराष्ट्रीय संगठनों का हस्तक्षेप कम होने के कारण एक बार फिर खूनख्रराबे की स्थिति बन रही है। यहूदी यहां से फलस्तीनियों को निकालकर बाहर कर रहे हैं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 10:53 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 10:53 PM (IST)
नहीं थम रही यरुशलम से फलस्तीन परिवारों की बेदखली, सत्ता परिवर्तन के बाद भी गाजा नीति में परिवर्तन की संभावना कम
नहीं थम रही यरुशलम से फलस्तीन परिवारों की बेदखली

यरुशलम, एपी। पूर्वी यरुशलम में फलस्तीनियों को बेदखल करने का अभियान युद्ध होने के बाद भी अभी थमा नहीं है। यहां यहूदियों को बसाने और फलस्तीनियों को निकालने का काम जारी है। पूर्व में इजरायल के अटार्नी जनरल ने फलस्तीनियों के निष्कासन को रोक दिया था। अब अधिकार समूहों का कहना है कि यहां से फलस्तीनियों को बाहर करने का सिलसिला नहीं रुकेगा। यहां अतरराष्ट्रीय संगठनों का हस्तक्षेप कम होने के कारण एक बार फिर खूनख्रराबे की स्थिति बन रही है। यहूदी यहां से फलस्तीनियों को निकालकर बाहर कर रहे हैं।

loksabha election banner

इजरायल में सरकार परिवर्तन पर फलस्तीनियों की निगाह है। उनको इंतजार है कि इस देश की नीति में कुछ परिवर्तन हो सकता है। माना जा रहा है कि गाजा के मामले में इजरायल की नीति में भावी प्रधानमंत्री नाफ्ताली बेनेट भी कोई परिवर्तन नहीं करेंगे।

नाफ्ताली बेनेट अन्य मुद्दों पर बेंजामिन नेतन्याहू से अलग राय रख सकते हैं, लेकिन गाजा के मामले में इजरायल के रुख में कोई परिवर्तन होने की कम ही संभावना है।

विपक्षी गठबंधन में दक्षिणपंथी यामीना पार्टी के 49 वर्षीय नेता नाफ्ताली बेनेट वर्तमान राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू से भी ज्यादा दक्षिण पंथी हैं। इन्होंने पूर्व में भी फलस्तीन देश की स्थापना को खारिज कर दिया था। नाफ्ताली पहले सेना में बतौर कमांडो के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने बाद में बिजनेस और राजनीति में अपनी भूमिका को बखूबी निभाया। नाफ्ताली के पूर्वज अमेरिका से प्रवासी के रूप में यहां आए थे।

यूएन ने गाजा से दो अधिकारी वापस बुलाए

संयुक्त राष्ट्र(यूएन) ने अपनी राहत एवं कार्य एजेंसी के निदेशक मेथियस शिमेल और उनके सहायक को गाजा युद्ध होने के दौरान इजरायल के समर्थन में बयान देने के कारण वापस बुला लिया है। उनका यहां जबर्दस्त विरोध हो रहा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.