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ईरान में कोरोना संकट के बीच फिर मिला मुस्‍कुराने का मौका, आप भी जानें क्‍या है वजह

कोरोना संकट के बीच ईरान का एतिहासिक मीलाद टावर फिर लोगों के लिए खुशी की वजह बना। वर्षों बाद यहां पर लोगों को फिल्‍म देखने का लुत्‍फ उठाया।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 09:44 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 09:44 PM (IST)
ईरान में कोरोना संकट के बीच फिर मिला मुस्‍कुराने का मौका, आप भी जानें क्‍या है वजह
ईरान में कोरोना संकट के बीच फिर मिला मुस्‍कुराने का मौका, आप भी जानें क्‍या है वजह

तेहरान (पीटीआई)। ईरान में कोरोना वायरस की वजह से अब तक 6340 मरीजों की जान जा चुकी है, वहीं 99,970 लोग इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हैं। लेकिन इस मुश्किल घड़ी में भी यहां के लोगों के होठों पर मुस्‍कान आई है। इसकी वजह बना ड्राइव-इन थियेटर। दरअसल 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद पहली पर ड्राइव-इन थियेटर में लोगों को फिल्मों का लुत्फ उठाने का भी मौका दिया गया। कोरोना महामारी के बीच मंगलवार को तेहरान के प्रसिद्ध मीलाद टॉवर की कार पार्किंग में जोड़ों को बैठकर फिल्म देखने की व्यवस्था की गई।

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मीलाद टॉवर की पार्किंग में ऑनलाइन टिकट खरीदने के बाद यहां अपनी बारी की प्रतिक्षा में खड़े लोगों को कर्मचारी संक्रमण मुक्त करने का काम करते हैं। फारसी भाषा में इसे सिनेमा मशीन कहते हैं। फिल्म दर्शकों को आवाज कार में मौजूद एफ रेडियो स्टेशन के जरिए सुनाई देती है। कोरोना वायरस की वजह से स्टेडियम और सिनेमाघर बंद हैं ईरान कोरोना वायारस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल है। वर्तमान में ईरान कोरोना वायरस से पीडि़त दुनिया के शीर्ष दस देशों में शमिल है।

पार्किंग में अपनी पत्नी के साथ फिल्म देखने आए 36 वर्षीय बेहरुज पुरनिजाम ने कहा कि यह बहुत ही आकर्षक था। उनकी उम्र के लोगों के लिए यह पहली बार हो रहा था। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि इस फिल्म को किसने बनाया है या यह किस बारे में है। यहां फिल्म ''विस्थापना दिखाई गई जिसका निर्माण रिवोल्यूशनरी गार्ड के संबद्ध कंपनी ने किया है। फिल्म देखने आई आतिफा सुहैली ने घर से बाहर मनोरंजन की व्यवस्था होने पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि मैं यहां हाथ साफ कर बैठी हूं और मैं कुछ खाना चाहती हूं थोड़ा आराम करना चाहती हूं, लेकिन अब मुझे अन्य लोगों से सामाजिक दूरी बनाने को चिंता करने की जरूरत नहीं है। फिल्म के निर्माता इब्राहीम हतामिकिया ने फिल्म के विषय को कपास किसानों पर केंद्रित किया है, जिनकी फसल स्थानीय बांध से समुद्र का खारा पानी आने से खराब हो जाती है।


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