कोरोना वायरस महामारी के बीच अरब देशों में बढ़ रही महिलाओं पर हिंसा: UN
अरब देशों में महिलाओं की स्थिति लगातार महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा की स्थिति बिगड़ती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्च में दावा किया है।
बेरुत, आइएएनएस। कोरोना वायरस के बीच कई देशों में लगाए गए लॉकडाउन के कारण महिलाओं के साथ घरेंलू हिंसा के मामलों में वृद्धि आई है। इस बात का खुलासा संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में किया गया है। हालांकि, इन सबमें भी सबसे ज्यादा अरब क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाली घरेलू हिंसा और सामाजिक चुनौतियां कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रकोप के बाद स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई हैं। ये रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग द्वारा पश्चिमी एशिया (ईएससीडब्ल्यूए) के लिए एक नई नीति का उल्लेख करके बनाई गई है। ESCWA के कार्यकारी सचिव रति दासति ने सोमवार को कहा कि दुनिया में और अरब क्षेत्र में लॉकडाउन के साथ घरेलू हिंसा बढ़ गई है, जो संगरोध, आर्थिक तनाव, कथित और वास्तविक खाद्य असुरक्षा के साथ ही उन्हें वायरस के संपर्क में आने का डर है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक दस्ती ने कहा कि हिंसा झेल रही महिलाओं को महामारी के दौरान मदद हासिल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही महिलाओं को फिलहाल, ठीक से खाना भी नहीं पा रहा है क्योंकि, अधिकतर घरों में क्लॉलिटि और क्वांटिटि नहीं है।
भारत में भी सामने आई घरेलू हिंसा के मामले
फिलहाल, भारत में कोरोना वायरस के चलते 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। महिलाओं से घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी देखी गई है। सिर्फ घरेलू हिंसा से जुड़ी 69 शिकायतें मिली हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 23 मार्च 2020 से दो अप्रैल तक महिलाओं से साइबर अपराध के 15 मामले सामने आए हैं। महिलाओं ने कुल 257 शिकायतें दर्ज करवाई हैं, जिनमें से 237 पर कार्रवाई की गई है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन एक-दो से शिकायतें मेरे निजी ई-मेल पर आ रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से ऐसी बहुत सी शिकायतें आ रही हैं। महिलाएं पुलिस के पास तक पहुंच नहीं पा रही हैं या फिर वह पुलिस के पास जाना ही नहीं चाहती हैं।