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ताजिक-अफगान सीमा पर ताजिकिस्तान के विशेष सुरक्षा बलों के लिए अग्रिम चौकी बनवाएगा चीन

ताजिकिस्तान की संसद ने कहा है कि चीन अब अफगानिस्तान से लगी ताजिक सीमा पर ताजिकिस्तान के विशेष सुरक्षा बलों के लिए एक अग्रिम रक्षा पोस्ट बनाएगा। संसद के प्रवक्ता का कहना है कि चौकी पर किसी चीनी की तैनाती नहीं होगी।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 06:55 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 06:55 PM (IST)
ताजिक-अफगान सीमा पर ताजिकिस्तान के विशेष सुरक्षा बलों के लिए अग्रिम चौकी बनवाएगा चीन
ताजिक-अफगान सीमा पर अग्रिम चौकी बनवाएगा चीन। (फोटो- रायटर)

दुशांबे, रायटर। ताजिकिस्तान की संसद ने कहा है कि चीन अब अफगानिस्तान से लगी ताजिक सीमा पर ताजिकिस्तान के विशेष सुरक्षा बलों के लिए एक अग्रिम रक्षा पोस्ट बनाएगा। संसद के प्रवक्ता का कहना है कि चौकी पर किसी चीनी की तैनाती नहीं होगी। ताजिकिस्तान में पामीर पर्वतमाला पर पूर्वी गोरनो-बदखशान एक स्वायत्त प्रांत है। इसी प्रांत की सीमा पर यह चौकी स्थिति होगी। यह प्रांत उत्तरपूर्वी अफगान प्रांत के साथ ही चीनी प्रांत शिनजियांग से लगी सीमा पर स्थित है।

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ताजिकिस्तानी संसद ने चीन की इस योजना को तब उजागर किया है जब ताजिक सरकार और अफगानिस्तान के नए तालिबान शासन के बीच तनातनी जारी है। ताजिक राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन ने तालिबान सरकार को मान्यता देने से इन्कार करते हुए उसे अफगानी जनजातियों का व्यापक प्रतिनिधि मानने से इन्कार कर दिया है।

राष्ट्रपति रखमोन का कहना है कि अफगानिस्तान में ताजिक समुदाय की आबादी तादाद में दूसरे स्थान पर है। इसके जवाब में अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार ने ताजिक सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह उनके घरेलू मामलों में दखल न दें। उल्लेखनीय है कि रूस पहले ही चेता चुका है कि ताजिक सीमा पर कोई संकट आने की सूरत में वह उसकी पूरी मदद करेगा। वहीं, विस्तारवाद की नीति पर तेजी से आगे बढ़ रहे चीन ने ताजिकिस्तान में भारी निवेश करके अपने नजरें उस पर गड़ा ली हैं।

रूसी मीडिया के अनुसार, तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान में एक ताजिक आतंकवादी समूह के साथ गठबंधन किया है, जो रहमोन की सरकार को उखाड़ फेंकना चाहता है। रूस के नेतृत्व वाले क्षेत्रीय सुरक्षा संगठन ने पिछले हफ्ते ताजिक-अफगान सीमा के पास अभ्यास किया था। इसको यह दिखाने के लिए डिजाइन किया गया था कि मास्को दक्षिण से घुसपैठ की स्थिति में दुशांबे की रक्षा के लिए तैयार है। चीन ताजिकिस्तान में एक प्रमुख निवेशक है और उसने कई मौकों पर एक देश को बहुत कुछ दिया है। उसने ताजिकिस्तान को एक नया संसद भवन मुफ्त में बनाकर सौंपा था।


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